अंतर्राष्ट्रीय

इजरायल के 95 वर्षीय बुजुर्ग हाथों में राइफल लेकर जंग के मैदान में कूदे

Israel-Hamas War: हमास और इजरायल के बीच भयंकर लड़ाई का आज पांचवां दिन है दोनों तरफ से इस जंग में अब तक करीब 3000 लोगों की जानें जा चुकी हैं इजरायली सेना के अनुसार 1200 इजरायली नागरिक मारे गए हैं इस बीच, इजरायल ने गाजा पट्टी पर भीषणतम धावा कहा है गाजा में चहुंओर धमाका, धुआं और चीख-पुकार का आलम है इजरायल ने गाजा बॉर्डर पर तीन लाख से अधिक सैनिकों को तैनात कर दिया है इस बीच इजरायल के 95 वर्षीय एक बुजुर्ग भी हाथों में राइफल लेकर जंग के मैदान में कूद पड़े हैं

न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, 95 वर्षीय इजरायली रिज़र्विस्ट अपने राष्ट्र को हमास के हमले से लड़ने में सहायता करने के लिए जंग के मैदान में लौट आए हैं और ऐसा करने वाला वह सबसे उम्रदराज आदमी बन गए हैं इजरायल नेशनल न्यूज के अनुसार, लड़ाका समूह लेही के एक पूर्व लड़ाकू सैनिक, एज्रा याचिन को इजरायली सुरक्षा बलों (IDF) को अरबों की क्रूर दास्तां सुनाकर जंग के मैदान में उनमें जोश भरने और प्रेरित करने के लिए बुलाया गया है बुजुर्ग इजरायली सैनिकों को यह भी बता रहे हैं कि वह अपने बचपन के दौरान यरूशलेम में अरब नरसंहार से कैसे बचे थे

मीडिया में 95 वर्षीय बुजुर्ग एज्रा याचिन की एक तस्वीर जारी की गई है, जिसमें वह पुरानी वर्दी में राइफल थामे खड़े हैं उनकी इस प्रयास का उत्सव मनाते हुए, इजरायली मीडिया शख़्सियत हन्या नफ्ताली ने एक्स पर लिखा कि उनका संदेश है, “छोड़ना मत, अभी तो कदापि नहीं” मीडिया रिपोर्ट्स में बोला गया है कि अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए, जब इज़राइल स्वतंत्र नहीं था, याचिन ने बोला कि अंग्रेजों ने यहूदियों को कई उपायों से माइग्रेट करने से रोका था और इससे भी अधिक, उन्होंने वहां रहने वाले अरबों को यहूदियों की मर्डर करने से नहीं रोका था

वर्ष 2021 में दिए एक साक्षात्कार में याचिन ने बोला था, “इजरायल की जमीन पर रह रहे यहूदी जानते थे कि उन्हें अपनी रक्षा स्वयं करनी है” उन्होंने बोला कि इसी वजह से इजरायलियों ने भूमिगत संगठन स्थापित किया था, उनमें से एक लेही संगठन भी था” याचिन ने बोला कि तब ब्रिटिशों से लड़ना महत्वपूर्ण था ताकि हम अपने स्वतंत्र राष्ट्र में आजादी महसूस कर सकें लेकिन अब शांति के लिए हमास के आतंकवादियों से लड़ना महत्वपूर्ण है

न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, याचिन ने उस दिन को याद करते हुए बोला कि जब संयुक्त देश में यहूदी लोगों को इजरायल में मातृभूमि देने के लिए मतदान किया गया था, ठीक उसके एक दिन बाद अरबों ने कत्ले आम मचा दिया था यहूदी परिवारों को ढूंढ़-ढूंढ़ कर मार डाला गया था उन्होंने हमें धमकाया और अपने वादे पूरे किए थे

उन्होंने आगे कहा, “तब जिसे आज़ादी की लड़ाई बोला जाता है,यहूदियों ने प्रारम्भ की हमने उस समय स्वयं को बहुत कठिन स्थिति में पाया था ब्रिटिश और अरब दोनों हमारे विरुद्ध दंगे कर रहे थे और लामबंद हो रहे थे छतों से, खिड़कियों से, वे हर स्थान से मृत्यु बरसा रहे थे अरबों और ब्रिटिशों ने यहूदियों का ऐसा कत्ल-ए-आम किया था कि हर स्थान खून पानी की तरह बह रहा था

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