विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने न्यूयॉर्क में बैठकर अमेरिका और चीन को संदेश देते हुए कही ये अहम बात
रूस के साथ हमारी दोस्ती 70 वर्षों से मजबूत बनी हुई है और इसमें कोई उतार-चढ़ाव नहीं आया। विदेश मंत्री एस। जयशंकर ने न्यूयॉर्क में बैठकर अमेरिका और चीन को संदेश देते हुए यह अहम बात कही है। उन्होंने बोला कि दुनिया की बड़ी शक्तियों के संबंध उतार-चढ़ाव से गुजरते रहे हैं, लेकिन हिंदुस्तान और रूस के बीच ऐसा कभी नहीं हुआ। उन्होंने यह भी बोला कि आने वाले दिनों में रूस का झुकाव एशिया की ओर अधिक होगा। विदेश मंत्री ने काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशंस में बोलते हुए बोला कि रूस स्वयं को यूरोपीय शक्ति मानता था,लेकिन 2022 में जो हुआ। उसके बाद उसका झुकाव एशिया की ओर अधिक होगा। इसकी वजह बाजार भी है।
रूस और चीन की दोस्ती का हिंदुस्तान पर क्या असर होगा? ऐसा एक प्रश्न पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा, ‘हमारे संबंध 1950 से ही अच्छे हैं। आप अंतरराष्ट्रीय राजनीति के बीते 70 वर्षों पर नजर डालेंगे तो दिलचस्प बात नजर आएगी। अमेरिका-रूस, रूस-चीन, यूरोप-रूस समेत अनेक बड़े राष्ट्रों के रिश्तों में उतार-चढ़ाव आए हैं। कभी अच्छा और बुरा दौर आता ही रहा है। लेकिन हिंदुस्तान और रूस के संबंध ऐसे उतार-चढ़ाव से परे रहे हैं। हम तो साल-दर-साल विश्वास के साथ आगे बढ़े हैं। सोवियत काल में भी ऐसा था और आज भी हम ऐसे ही चल रहे हैं।’
न्यूयॉर्क में बैठकर अमेरिका को संकेत, चीन पर भी बोले
इस तरह जयशंकर ने एक तरफ चीन को संकेत दिया कि भले ही वह रूस के साथ दोस्ती बढ़ा रहा है, लेकिन हिंदुस्तान के भी मजबूत संबंध हैं। वहीं न्यूयॉर्क में ही बैठकर अमेरिका को भी संकेत दे दिया कि हमारे पास रूस जैसा मजबूत राष्ट्र भी है। कई बार अमेरिका की ओर से रूस और हिंदुस्तान की दोस्ती पर प्रश्न उठाए गए हैं। ऑयल खरीद को लेकर भी बात हुई है, लेकिन हिंदुस्तान झुका नहीं है। अब कनाडा से तनाव के बीच अमेरिका ने हिंदुस्तान से जांच में योगदान करने की बात कही है। बताया जा रहा है कि रूस से मजबूत रिश्तों का जिक्र कर हिंदुस्तान ने एक तरह से अमेरिका पर दबाव बनाया है। इस तरह हिंदुस्तान ने संकेत दिया है कि यदि आप दबाव बनाते हैं तो हमारे पास रूस का भी ब्लॉक है।
अब एशिया की तरफ देख रहा रूस, यूरोप से बिगड़े रिश्ते
जयशंकर ने बोला कि 2022 में जो घटनाएं हुई हैं, उससे यूरोप और पश्चिम से रूस के संबंध खराब हो गए। अब रूस एशिया और दुनिया के दूसरे हिस्सों की ओर देख रहा है। लेकिन खासतौर पर एशिया की ओर देख रहा है क्योंकि यह आर्थिक गतिविधियां हैं। उल्लेखनीय है कि रूस और हिंदुस्तान की दोस्ती को लेकर अमेरिका ने भी पिछले दिनों माना था कि यह काफी पुरानी है। इसकी वजह यह थी कि हम तब हिंदुस्तान की सहायता के लिए आगे नहीं थे, जब उसे आवश्यकता थी और रूस ने साथ दिया था।