अंतर्राष्ट्रीय

‘हर सड़क पर लाउडस्पीकर से अजान सुनने का था सपना लेकिन…

कोरिया का पॉप स्टार गायक ‘किम दाऊद’ साल 2019 में मुसलमान बनने के पश्चात् से इस्लाम प्रचार में कोई कमी नहीं छोड़ता. हाल ही में उसने अपने इंस्टाग्राम पर समाचार दी थी कि वो कोरिया में मस्जिद बनवा रहा है तथा इसके लिए उसने जमीन भी खरीद ली है. किम ने यह समाचार देते हुए अपनी जो खुशी जताई थी वो अधिक देर नहीं रह पाई क्योंकि क्षेत्रीय विरोध एवं प्रशासन से सहायता के बिना उसे ये योजना रद्द करनी पड़ी. वहीं जमीन के मालिक ने भी उससे किया कॉन्ट्रैक्ट तोड़ दिया. किम द्वारा मस्जिद के लिए जमीन खरीदी जाने की बात मीडिया में बहुत ख़बरों में आई थी. उसने अपने यूट्यूब चैनल पर वीडियो डालकर घोषणा किया था कि वो मस्जिद के लिए जमीन ले चुका है. इस के चलते उसके हाथ में एक कॉन्ट्रैक्ट भी था जिसके मुताबिक, उसने 384.4 स्क्वॉयर मीटर जमीन योनजोंग द्वीप के इंचियन में 1 करोड़ 13 लाख 72 हजार 497 रुपयों में ली थी.

वही अपनी वीडियो में उसने इस परियोजना के लिए डोनेशन माँगी थी तथा इसके लिए बैंक जानकारी भी साझा की थी. उसने बोला था- “मुझे आर्थिक सहायता चाहिए ताकि मस्जिद बन सके. यदि आप सहायता करना चाहते हैं तो यहाँ सहायता करें. बहुत मुश्किलें आएँगी किन्तु मुझे लगता है कि मैं कर लूँगा. जब तक कोरिया की हर सड़क आजान की खूबसूरत आवाज से नहीं गूँजता मैं अपना सर्वश्रेष्ठ करता रहूँगा.” किम के इस पोस्ट को विश्व भर के इस्लामवादियों ने सराहा. किन्तु कोरिया के लोगों को किम का ये ढंग नहीं पसंद आया. उन्होंने उसका विरोध करना आरम्भ कर दिया तथा कहा- “यदि इस्लाम इतना ही पसंद है तुम्हें तो तुम अरब राष्ट्र में चले जाओ… मस्जिद बन जाने से तो सिर्फ़ घर की कीमतें क्षेत्र में कम होंगीं.

स्थानीय विरोध के अतिरिक्त किम को इस काम के लिए प्रशासन की स्वीकृति लेना भी कठिन काम हो गया. प्रशासन ने बोला कि दाऊद को जिस स्थान मस्जिद बनानी है वहाँ पर सड़क की हालत देखते हुए इमारत बनाने की इजाजत नहीं दी जा सकती.” वहीं एक न्यूज एजेंसी ने कहा कि किम अभी उस जमीन के मालिक नहीं है जहाँ वो मस्जिद बनाने की बात कर रहे हैं. मालिक ने उनके साथ कॉन्ट्रैक्ट तोड़ दिया है. इसके अतिरिक्त कोरिया गवर्नमेंट के साथ आधिकारिक तौर पर दर्ज़ एकमात्र इस्लामी संगठन कोरिया मुसलमान फेडरेशन (केएमएफ) ने बीते हफ्ते को कहा कि किम की मस्जिद बनाने की योजना उनकी निजी परियोजना है. समूह ने कहा, “कोरिया मुसलमान फेडरेशन से जुड़ी राष्ट्र भर की सभी मस्जिदें केएमएफ के नाम से दर्ज़ हैं, तथा किसी को भी किसी आदमी के नाम पर पंजीकरण करने या मस्जिद के निर्माण के लिए धन जुटाने की अनुमति नहीं है.

कोरियन मुसलमान फेडरेशन के मुताबिक, कोरिया में 19 मस्जिद हैं एवं 350000 कोरियन मुसलमान हैं जबकि 150,000 मुसलमान कोरिया से बाहर के आकर यहाँ रहते हैं. इनमें से 120,000 मजदूर हैं तथा 30,000 विद्यार्थी और व्यवसायी हैं जोकि उज्बेकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया एवं पाक से आएँ हैं. उल्लेखनीय है कि किम के ऊपर साल 2020 में यौन उत्पीड़न का इल्जाम भी लगा था. एक स्त्री ने दावा किया था कि किम ने 2019 में उनके साथ यौन उत्पीड़न किया. वीडियो वायरल होने के पश्चात् किम ने इस सिलसिले में माफी भी माँगी थी. उन्होंने बोला था कि ऐसी घटना घटी है किन्तु उन्होंने समझौता कर लिया है.

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