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मुइज्जू नहीं सुधरेगा! भारत के खिलाफ फिर फूटा जहर

भारत-मालदीव: चीन के इशारे पर काम कर रहे मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ो ने इल्जाम लगाया है कि उनके पूर्ववर्ती इब्राहिम मोहम्मद सोलिह विदेशी राजदूतों के आदेश पर काम कर रहे थे. हालाँकि, मुइज़ोउ ने किसी राष्ट्र या राजदूत का नाम नहीं लिया. राष्ट्रपति मुइज्जू ने एक साक्षात्कार के दौरान एक प्रश्न के उत्तर में यह इल्जाम लगाया उनसे हाल ही में सेना ड्रोन की खरीद पर विपक्ष की निंदा के बारे में पूछा गया था.

साक्षात्कार गुरुवार रात प्रसारित किया गया. राष्ट्र में संसदीय चुनाव से पहले मुख्य विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) ने विभिन्न मुद्दों पर मुइज्जो पर धावा करना प्रारम्भ कर दिया है. इस महीने की आरंभ में यह घोषणा की गई थी कि मालदीव ने अपने विशाल विशेष आर्थिक क्षेत्र में गश्त के लिए पहली बार तुर्की से नज़र ड्रोन खरीदे हैं और सेना ड्रोन संचालित करने के लिए ड्रोन बेस स्थापित करने के कोशिश चल रहे हैं.

ड्रोन निंदा के बारे में पूछे जाने पर, मुइज़ो ने बोला कि मुख्य विपक्षी दल, एमडीपी, 2018 से 2023 तक सत्ता में थी और संसद में भी उसके पास भारी बहुमत था. लेकिन पार्टी मालदीव की स्वतंत्रता की रक्षा करने में विफल रही और इसे एक विदेशी राष्ट्र के हाथों में छोड़ दिया

मुइज़ोउ ने बोला कि पूर्व राष्ट्रपति सोलिह ने विदेशी राजदूतों के आदेश पर काम किया जिसके परिणामस्वरूप व्यापक क्षति हुई. हालाँकि, उन्होंने यह नहीं कहा कि उनका इशारा किस राष्ट्र की ओर था. उन्होंने बोला कि हमने आर्थिक समेत कई मायनों में आजादी खो दी है. इतना सब कुछ करने के बाद भी वे इसे सुलझाने और राष्ट्र को उस रास्ते पर वापस लाने के हमारे प्रयासों को स्वीकार नहीं करेंगे जो मालदीव के लोग चाहते हैं.

माना जा रहा है कि मुइज्जू का बयान हिंदुस्तान पर लक्षित है इब्राहिम मोहम्मद सोलिह 2018-23 के दौरान राष्ट्रपति थे. उनकी गवर्नमेंट ने इण्डिया फर्स्ट नीति लागू की मालदीव हिंदुस्तान की ‘पड़ोसी पहले’ नीति के मुख्य लाभार्थियों में से एक था. सोलिह के कार्यकाल के दौरान, नयी दिल्ली ने मालदीव में विकास और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर अरबों $ खर्च किए.

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