महिलाओं को पत्थरों से मार-मारकर दी जाएगी मौत, तालिबान का नया फरमान, महिला अधिकार को बताया शरिया के खिलाफ
अखुंदज़ादा ने बोला कि मैंने मुजाहिदीन से बोला कि हम पश्चिमी लोगों से कहते हैं कि हमने आपके विरुद्ध 20 वर्ष तक लड़ाई लड़ी और हम आपके विरुद्ध 20 या उससे भी अधिक सालों तक लड़ेंगे. यह ख़त्म नहीं हुआ.
अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत को सत्ता संभालते हुए 3 वर्ष से अधिक का समय गुजर चुका है. वहां के हालात लगातार सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. आए दिन अफगानिस्तान में तालिबानी फरमान जारी होते रहते हैं. अब इसी क्रम में तालिबान सुप्रीमो मुल्ला हिबतुल्ला अखुंदजादा ने सरकारी टेलीविजन पर एक आवाज संदेश में घोषणा की कि अफगानिस्तान में स्त्रियों को व्यभिचार के लिए सार्वजनिक रूप से कोड़े मारे जाएंगे और पत्थर मारकर मर्डर कर दी जाएगी. द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने पश्चिमी लोकतंत्र के विरुद्ध लड़ाई जारी रखने की भी कसम खाई.
अपने संदेश में अखुंदज़ादा ने बोला कि तरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा समर्थित स्त्रियों के अधिकार तालिबान की इस्लामी शरिया कानून की कठोर व्याख्या के साथ विरोधाभासी हैं. अफगानिस्तान में तालिबान के प्रमुख ने बोला कि क्या महिलाएं वो अधिकार चाहती हैं जिनकी बात पश्चिमी लोग कर रहे हैं? वे शरिया और मौलवियों की राय के विरुद्ध हैं, मौलवियों ने पश्चिमी लोकतंत्र को उखाड़ फेंका.
अखुंदज़ादा ने बोला कि मैंने मुजाहिदीन से बोला कि हम पश्चिमी लोगों से कहते हैं कि हमने आपके विरुद्ध 20 वर्ष तक लड़ाई लड़ी और हम आपके विरुद्ध 20 या उससे भी अधिक सालों तक लड़ेंगे. यह ख़त्म नहीं हुआ. इसका मतलब ये नहीं कि अब हम केवल बैठ कर चाय पियेंगे। हम इस धरती पर शरिया लाएंगे। काबुल पर कब्ज़ा करने के बाद यह ख़त्म हो गया. नहीं, हम अब शरिया को अमल में लाएंगे. आप कहते हैं कि यह स्त्रियों के अधिकारों का उल्लंघन है जब हम उन्हें पत्थर मारकर मार देते हैं. लेकिन हम जल्द ही व्यभिचार के लिए सजा लागू करेंगे। हम स्त्रियों को सरेआम कोड़े मारेंगे. हम उन्हें सार्वजनिक रूप से पत्थर मारकर मार डालेंगे.