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वक्फ बोर्ड ने हैदराबाद के इस मशहूर 5 स्टार होटल को किया अपनी संपत्ति घोषित

हैदराबाद: तेलंगाना वक्फ बोर्ड का एक नया कारनामा सामने आया है. वक्फ बोर्ड ने हैदराबाद के एक प्रसिद्ध 5 स्टार होटल को ही अपनी संपत्ति घोषित कर दिया. होटल का नाम मैरियट है, जो पहले वायसराय नाम से प्रसिद्ध था. इस पर कब्ज़े के लिए वक्फ बोर्ड ने होटल से काफी लम्बी कानूनी जंग भी लड़ी. लेकिन, न्यायालय में तेलंगाना में वक्फ बोर्ड के इरादे ध्वस्त हो गए. उच्च न्ययालया ने न सिर्फ़ होटल को बड़ी राहत प्रदान की, बल्कि वक्फ बोर्ड को मिसकंडक्ट (प्रतिकूल प्रविष्टि) भी थमा दी है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस मुद्दे की सुनवाई तेलंगाना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस अनिल कुमार जुकांति की पीठ ने की. सुनवाई इस मामले पर थी कि आखिर होटल मेरियट का मालिक कौन है? दरअसल, साल 1964 में अब्दुल गफूर नामक एक शख्स ने तब वायसराय नाम से चर्चित इस होटल पर अपना दावा ठोंकते हुए केस कर दिया था. मुकदमे में वक्फ अधिनियम 1954 का हवाला दिया गया था, जिसके कारण होटल मेरियट की सम्पत्ति विवादित घोषित हो गई थी.

करीब, 50 वर्षों तक वक्फ बोर्ड ने इस मुद्दे को कानूनी दांव-पेंचों में उलझाकर रखा. साल 2014 में एक बार फिर से तेलंगाना राज्य वक्फ बोर्ड होटल मेरियट के विरुद्ध सक्रिय हुआ. उसने एक समाचार पात्र में नोटिस के जरिए होटल मेरियट को कानूनी कार्रवाई की धमकी दी. वक्फ बोर्ड की कानूनी कार्रवाई की धमकी पर होटल मेरियट के संचालकों ने भी न्यायालय में उत्तर दाखिल किया. इस उत्तर में वक्फ पर पुराने अदालती आदेशों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था. आखिरकार यह मुद्दा हाई कोर्ट तक पहुँच गया.

अदालत में दोनों पक्षों को सुना गया, और आखिरकार अंतिम निर्णय होटल मैरियट के पक्ष में आया. उच्च न्यायालय ने वक्फ बोर्ड की याचिका को आरंभ से ही अवैध करार दे दिया. होटल के विरुद्ध वक्फ बोर्ड की अधिसूचना को ख़ारिज करते हुए न्यायालय ने निर्णय सुनाया. साथ ही वक्फ बोर्ड को मिसकंडक्ट जारी करते हुए भविष्य में सभी बेदखली के कार्यों को रोकने का फरमान दिया.

क्या है वक्फ बोर्ड और कितनी संपत्ति है उसके पास ?

बता दें कि, वक्फ शब्द की उत्पत्ति अरबी भाषा के लफ्ज वकुफा से हुई है. इस्लाम में वक्फ उस संपत्ति को बोला जाता है, जो अल्लाह के नाम पर दान कर दी जाती है. एक बार संपत्ति वक्फ हो गई, तो फिर उसे मालिक को कभी वापस नहीं मिलती.  वक्फ बोर्ड के पास राष्ट्र में भारतीय आर्मी और भारतीय रेलवे के बाद सबसे अधिक जमीन है. यानी, वक्फ बोर्ड हिंदुस्तान का तीसरा सबसे बड़ा जमीन मालिक है. वक्फ मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इण्डिया के अनुसार, 2022 तक राष्ट्र के सभी वक्फ बोर्डों के पास कुल मिलाकर 8 लाख 54 हजार 509 संपत्तियां हैं, जो लगभग 8 लाख एकड़ से अधिक जमीन पर फैली है. बड़ी बात ये भी है कि, वक्फ यदि आपके घर पर दावा ठोंक दे, यानी उसे वक्फ प्रॉपर्टी घोषित कर दे, तो आप किसी न्यायालय में भी नहीं जा सकते, उसके लिए आपको वक्फ बोर्ड ट्रिब्यूनल के पास ही जाना होगा. फिर ट्रिब्यूनल की ख़्वाहिश की वो आपकी संपत्ति वापस दे या नहीं ?  यहाँ तक कि इलाहबाद उच्च न्यायालय को भी अपनी जमीन वक्फ से वापस पाने के लिए काफी पापड़ बेलने पड़े थे, वो तो न्यायालय थी, इसलिए उच्चतम न्यायालय में उसकी सुनवाई हो गई और उसे जमीन वापस मिली, अन्यथा इलाहबाद उच्च न्यायालय की जमीन पर भी वक्फ का अतिक्रमण होता.

 

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