चीन के बाद हेपेटाइटिस बी और सी के सबसे ज्यादा मामले भारत में…
हाल ही में जारी हुई डब्ल्यूएचओ (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, हिंदुस्तान में 2022 में हेपेटाइटिस बी और सी के कुल 3.50 करोड़ मुद्दे सामने आए। यह संख्या चीन के बाद दुनिया में दूसरी सबसे अधिक है।इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि यह रोग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मृत्यु का दूसरा प्रमुख संक्रामक कारण बन गया है।
WHO ने कहा कि रोजाना हेपेटाइटिस बी और सी इंफेक्शन के कारण दुनिया में 3,500 और हर वर्ष 13 लाख लोगों की मृत्यु हो रही है। इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डाक्टर टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयेसस का मानना है कि यह रिपोर्ट एक परेशान करने वाली तस्वीर पेश करती है। ऐसे में बेहतर निदान और इलाज के लिए इस लेख में हम आपको हेपेटाइटिस से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दे रहे हैं।
क्या है हेपेटाइटिस
CDC के अनुसार, हेपेटाइटिस लिवर में सूजन की खासियत वाली रोग है। वैसे लिवर पोषक तत्वों को संसाधित करता है, रक्त को छानता है और संक्रमणों से लड़ता है। इसलिए जब यह रोग होती है तो बॉडी ठीक से फंक्शन नहीं कर पाता है। इसके सबसे आम प्रकारों में हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी शामिल है।
हेपेटाइटिस होने का कारण
जब बॉडी में उपस्थित इम्यून सेल्स लिवर पर धावा कर देती है तो हेपेटाइटिस की रोग होती है। इसके अतिरिक्त यह रोग वायरस, बैक्टीरिया, या पेरासाइट के इंफेक्शन से भी होती है। हेपेटाइटिस ए, बी, सी इसी के कारण होते हैं।
हेपेटाइटिस के लक्षण
हेपेटाइटिस वाले कई लोगों में लक्षण नहीं होते हैं। लेकिन यदि लक्षण एक तीव्र संक्रमण के साथ होते हैं, तो वे संपर्क के 2 हफ्ते से 6 महीने बाद कभी भी दिखाई दे सकते हैं। तीव्र हेपेटाइटिस के लक्षणों में बुखार, थकान, भूख न लगना, मतली, उल्टी, पेट दर्द, गहरे रंग का पेशाब, हल्के रंग का मल, जोड़ों में दर्द और पीलिया शामिल हो सकते हैं।
किन लोगों को होता है हेपेटाइटिस का अधिक खतरा
हेपेटाइटिस के वायरस से इंफेक्शन का खतरा उन लोगों में अधिक होता है जो मल्टीपल पार्टनर के साथ अनप्रोटेक्टेड संभोग करते हैं। इसके अतिरिक्त IV दवा के इस्तेमाल के दौरान सुइयों को साझा करना, एक पुरुष का मर्दों के साथ यौन संबंध रखना, एचबीवी रोगी के साथ रहना, ह्यूमन ब्लड के संपर्क में आना, हाई एचबीवी दर वाले जगहों में रहना इस रोग के खतरे को बढ़ा देता है।
इलाज में देरी से हो सकता है कैंसर भी
क्रोनिक हेपेटाइटिस बी वाले रोगियों में, एचसीवी सह-संक्रमण की रेट का अनुमान 9% से 30% तक होता है। HBV/HCV होने पर सबसे अधिक चिंता यह है कि इससे अधिक गंभीर लिवर डिजीज हो सकता है। इतना ही नहीं कई बार हेपेटाइटिस लिवर कैंसर का भी कारण बन जाता है।
क्या है बचने का तरीका
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि हेपेटाइटिस को रोकने और उसका उपचार करने के लिए कई कारगर टीके और दवाएं मौजूद हैं। इसकी सहायता से हेपेटाइटिस की जानलेवा रोग से बचा जा सकता है। इसके अतिरिक्त हाइजीन का ध्यान रखना और दूसरे आदमी के बॉडी फ्लूड से बचना इस रोग से आपको दूर रख सकता है।