जोड़ों के दर्द से है परेशान, तो भूलकर भी इन सब्जियों का ना करें सेवन
वर्तमान समय में गलत खानपान और लाइफस्टाइल के कारण लोगों को कम उम्र में ही जोड़ों का दर्द परेशान करने लगा है. यदि डाइट में बदलाव कर लें तो जॉइंट पेन की समस्या से निजात पा सकते हैं. आमतौर पर जोड़ों के दर्द को बुढ़ापे से जोड़कर देखा जाता था. बुजुर्ग लोगों से आपने सुना होगा कि उम्र बढ़ने के साथ जोड़ों का दर्द परेशान करने लगा है. लेकिन वर्तमान समय में गलत खानपान के कारण लोगों को कम उम्र में ही जोड़ों का दर्द परेशान करने लगा है. इस समस्या से निपटने के लिए आयुर्वेद से भी बेहतर उपचार संभव है. रोजमर्रा में जिन सब्जियों को खाने में इस्तेमाल करते हैं, उसमें कई सब्जियां जॉइंट पेन के लिए खतरनाक माना गया है. जिसमें सबसे अहम खेसारी का साग है. आयुर्वेदिक चिकित्सालय में आने वाले मरीजों में ज्यादातर संख्या जोड़ों के दर्द की होती है.
राजकीय महारानी रामेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान के सह अधीक्षक सह प्राचार्य डॉ. शंभू शरण प्राचार्य ने बताया कि दरभंगा जिला की बात की जाए तो यहां ज्वाइंट पेन की समस्या अधिक देखने को मिल रही है. अस्पताल में रोजाना दर्जनों मरीज जॉइंट की समस्या को लेकर आ रहे हैं. जब ओपीडी के कर्मियों से चर्चा की तो पता चला कि निचले तबके के लोगों की संख्या सर्वाधिक है. दरभंगा जिला में दुकानों पर बनने वाला पकोड़े या अन्य सामाग्री में खेसारी के बेसन और साग का अधिक प्रयोग होता है. आयुर्वेद में इसे बियादी कहा जाता है और इसी के तहत अध्ययन भी किया जाता है. ज्वांइट पेन का सबसे बड़ा कारक खेसारी से बने किसी भी सामाग्री खाना है. जॉइंट पेन की समस्या से जूझ रहे लोगों को इसके सेवन से बचने की जरूरत है.
इन सब्जियों से करें परहेज
प्राचार्य डॉ. शंभू शरण प्राचार्य ने बताया कि जोड़ों के दर्द से परेशान हैं तो फूलगोभी या बंदागोभी का सेवन ना करें. इसके अलावा मटर, टमाटर, बोरो या बींस का प्रयोग खाने में बिल्कुल कम कर दें. ये सब्जियां ज्वाइंट पेन को बढ़ाने के कारक बन सकती हैं. इसके अलावा चने की दाल और अरवा चावल का भी सेवन करने से परहेज करें. ये भी जॉइंट पेन को बढ़ाने में कारक बन सकता है. ऐसे में इन तमाम खाद्य पदार्थों से लोगों को परहेज करना चाहिए. रोजाना कुछ मिनट तक एक्सरसाइज जरूर करें. आयुर्वेद में पंचकर्म चिकित्सा पद्धति बेहतर कार्य करता है. उन्होंने बताया कि आयुर्वेदिक अस्पताल में रोजाना 80 मरीजों में 50 मरीज जॉइंट पेन के आते हैं. यदि सर्वे किया जाए तो दरभंगा में जॉइंट पेन से ग्रसित मरीजों की तादाद चौंकाने वाली हो सकती है.