कोरोना से ज्यादा खतरनाक है ये बुखार, WHO ने दी चेतावनी
लोगों के मन से कोविड-19 का डर गया ही नहीं था कि एक और खौफनाक रोग का नाम आना प्रारम्भ हो गया है. इस रोग का नाम है ‘पैरट फीवर’. कोविड-19 अच्छे से गया ही नहीं था कि इस रोग के कई सारे मुकदमा सामने आ गए. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस रोग से अभी तक पांच लोगों की जान जा चुकी है. जानें क्या है पैरट फीवर, इसके लक्षण और बचाव?
यूरोप में इन दिनों पैरट फीवर नाम की रोग काफी तेजी से फैल रही है. कहा जा रहा है कि 90 से अधिक लोग इस रोग से संक्रमित हो चुके हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे लेकर चेतावनी भी जारी की है.
क्या है पैरट फीवर?
इस रोग को सिटाकोसिस के नाम से भी जाना जाता है. यह संभावित रूप से गंभीर बैक्टीरियल इन्फेक्शन है जो क्लैमाइडिया सिटासी नाम के बैक्टीरिया के कारण होती है. यह इन्फेक्शन मुख्य रूप से पक्षियों, विशेषकर से तोते, कबूतर और मुर्गी पर असर डालता है. संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने की वजह से इंसानों में भी इसका इन्फेक्शन होने का खतरा रहता है. इस बैक्टीरिया की वजह से लोगों में निमोनिया की रोग हो सकती है. इस बैक्टीरिया से इन्फेक्टेड पैरट की सांस, मल और पंखों से यह संक्रमण फैल सकता है. जो भी लोग तोता पालते हैं, जिनके पोल्ट्री फार्म हैं या जो पक्षियों के चिकित्सक हैं, उनमें इस रोग का खतरा अधिक होता है.
पैरट फीवर के लक्षण
जैसे इसके नाम से ही पता चल रहा है कि यह रोग पक्षियों से होती है. हालांकि, ऐसा महत्वपूर्ण नहीं कि यह इन्फेक्शन केवल तोते से ही फैलता है.
- बुखार आना
- सिर में दर्द रहना
- बॉडी चिल्स होना
- मांसपेशियों में दर्द होना
- खांसी आना
- सांस लेने में परेशानी होना
- उल्टी, पेट दर्द या लूज मोशन होना
पैरट फीवर के लक्षण आमतौर पर माइल्ड ही हो सकते हैं और इन्फेक्शन होने के 14 से 15 दिनों के बाद नजर आ सकते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस तरह के लक्षण नजर आने पर इसे आम फीवर न समझकर तुरंत ही चेकअप करवाने की राय दी है क्योंकि इस मुकदमा में रोगी को निमोनिया भी हो सकता है.कई लोगों के मन यह प्रश्न भी है कि क्या यह रोग नॉन वेज खाने से भी फैल सकती है? तो ऐसे में डॉक्टरों का बोलना है कि यह रोग खाने से नहीं फैल सकती लेकिन फिर सावधानी जरूर बरतें.
पैरट फीवर से कैसे बचें?
- घर में पक्षी पालने की सोच रहे हैं, इससे बचें.
- घर पर पहले से पक्षी हैं तो उनसे दूर रहें. उन्हें पिंजरे में ही रखें और पिंजरे को समय-समय पर साफ करते रहें, ताकि उनका मल वहीं इकठ्ठा न हो.
- पिंजरे की सफाई करते समय और पक्षियों को संभालते समय ग्लव्स और मास्क जरूर पहनें.
- अगर ऐसी स्थान काम करते हैं जहां काफी पक्षी हैं सावधानी बरतें.