स्वास्थ्य

आंतों की सेहत के लिए रेग्युलर डाइट में करें ये शामिल

Minerals for Gut Health: हमारे नॉर्मल बॉडी फंक्शंस और ओवरऑल हेल्थ के लिए पेट की स्वास्थ्य बेहतर होनी महत्वपूर्ण है, इसमें भी खास तौर से आंतों के स्वास्थ्य पर ध्यान रखना पड़ता है, अन्यथा इसका डाइजेशन पर काफी बुरा असर देखने को मिल सकता है. गट हेल्थ बिगड़े पर कब्ज, पेट में जलन, अपच जैसी परेशानियां पेश आ सकती हैं. हिंदुस्तान के प्रसिद्ध न्यूट्रिशन एक्सपर्ट निखिल वत्स (Nikhil Vats) ने कहा कि कुछ खास मिनरल्स को यदि हम अपने रेग्युलर डाइट में शामिल करेंगे तो आंतों की स्वास्थ्य को लाभ मिल सकते हैं.

गट हेल्थ के लिए बेस्ट मिनरल्स

1. कैल्शियम

कैल्शियम को आमतौर पर हड्डियों की मजबूती के लिए जाना जाता है, लेकिन काफी कम लोग इस बात से वाकिफ हैं कि ये आंतों के लिए भी महत्वपूर्ण है. इसके सेवन से एचसीएल एसिड सिक्रीशन बढ़ जाता है, इंटेस्टिनल पर्मिएबिलिटी बेहतर होती है और डायरिया जैसी घातक रोग से बचाव हो जाता है.

2. मैग्नीशियम

आंतों की स्वास्थ्य के लिए मैग्नीशियम रिच डाइट को जरूर अहिमियत देनी चाहिए. ऐसा इसलिए हैं क्योंकि ये एचसीएल एसिड पर कैल्शियम के स्टिमुलेटरी इफेक्ट को बैलेंस करने में सहायता करता है, रेगुलर बाउल मूवमेंट को सपोर्ट करता है, गॉल ब्लाडर को खाली करने की प्रकिया को बेहतर बनाता है और कब्ज को दूर कर सकता है.

3. सेलेनियम

सेलेनियम भी हमारी आंत के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये पैंक्रियाज की स्वास्थ्य को बेहतर बनाता, एंटी-इंफ्लेमेंट्री सेलेनोप्रोटीन का निर्माण करता है, आंत और पैंक्रियाज में एंटी-ऑक्सिडेंट इफेक्ट को बढ़ावा देता है और साथ ही माइक्रोबायोम बैलेंस को प्रमोट करता है.

4. जिंक

जिंक बेस्ड फूड्स खाने से पैंक्रियाटिव डाइजेस्टि एंजाइम्स प्रोड्यूज होते हैं, गल लाइनिंग के टाइट जंक्शन को सपोर्ट मिलता है, आंत में इम्यून सेल्स का रेगुलेशन होता है, इंफ्लेमेशन और ऑक्सिडेटिव डैमेज घटता है, आयर और कॉपर टॉक्सिसिटी से बचाव होता है, माइक्रोबायोम डाइवर्सिटी बढ़ती है और डायरिया का खतरा कम होता है.

5. इलेक्ट्रोलाइट्स

सोडियम, पोटैशियम और क्लोराइट प्रोपर हाइड्रेशन को सपोर्ट करता है, बाउल मोटिलिटी को बेहतर बनाता है, फ्लूइड बैलेंस को बेहतर बनाता है.

आयरन का क्या काम?

आप सोच रहे होंगे कि जब इतने सारे मिनरल्स हमारी आंतों की स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन आयरन का जिक्र क्यों नहीं आया. दरअसल आयरन एक महत्वपूर्ण मिनरल है लेकिन यदि इसकी मात्रां आंतों में बहुत अधिक बढ़ जाए तो इससे सूजन बढ़ सकती है और साथ ही वॉनटेड और अनवॉनटेड माइक्रोब्स को खुराक मिल सकती है.

 

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