जयपुर के प्राचीन बावड़ी में मिट्टी भरकर कब्जा करने का आया मामला
Jaipur News: प्राचीन काल में जल संरक्षण के लिए बावड़ियों का निर्माण किया गया था। आज भी प्रदेश में कई स्थान पर प्राचीन बावड़िया उपस्थित हैं लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण कई बावड़िया समाप्त हो रही हैं।
राजधानी जयपुर के जयसिंहपुरा खोर क्षेत्र में प्राचीन बावड़ी में मिट्टी भरकर कब्जा करने का मुद्दा सामने आया है। रातोंरात और रात भूमाफिया बावड़ी में मिट्टी भरकर कब्जा करने का कोशिश कर रहे हैं। बावड़ी की जमीन पर गैरकानूनी कॉलोनी बसाने के लिए कब्जा किया जा रहा है।
पूर्व राजा-महाराजाओं द्वारा क्षेत्र में जल स्तर बनाए रखने के लिए प्राचीन बावड़ी बनवाई गई थी। मुद्दा जयसिंहपुरा खोर स्थित धमाणो की ढाणी के पास लल्लूनगर का है। प्राचीन बावड़िया जल संरक्षण का बड़ा साधन मानी जाती हैं। बारिश का पानी इन बावड़ियों में इकट्ठा होता है, जिससे आसपास का जलस्तर बना रहता है।
इस जल स्त्रोत से वन्यजीव जंतु पानी का इस्तेमाल कर प्यास बुझाते हैं लेकिन अब इन प्राचीन बावड़ियों पर भी भूमाफियाओं की बुरी नजरें पड़ गई है। भूमाफिया बावड़ी में मिट्टी भरकर कब्जा किया जा रहा है।
स्थानीय निवासी राजाराम ने कहा कि जयसिंहपुरा खोर स्थित लल्लू नगर में राजा महाराजाओं के समय जल संग्रह के लिए जल साधन के रूप में प्राचीन बावड़ी का निर्माण करवाया गया था। आसपास की पहाड़ियों का जल भी बावड़ी में एकत्रित होता है, जो कि आसपास के जलस्तर को बनाए हुए हैं।
भूमाफिया चिरंजीलाल गुर्जर द्वारा प्राचीन बावड़ी को खुर्द-बुर्द किया जा रहा है। गैरकानूनी रूप से आवासीय कालोनी काटी जा रही हैं। भूमाफिया द्वारा कब्जे पर कार्रवाई नहीं होने से उत्तरदायी प्रशासन की नाकामी साफ नजर आ रही है। बावड़ी को नष्ट कर कॉलोनी बनाने से क्षेत्रीय लोगों में रोष है, जिसकी क्षेत्रीय प्रशासन को सूचना दी हुई है।