फिल्म लियो में संजय दत्त को लीड स्टार के मुकाबले मिली बेहद कम फीस
Sanjay Dutt Film: यह साफ हो चुका है कि मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री के सितारे अब दक्षिण भारतीय फिल्मों मे अपने लिए स्थान तलाश रहे हैं। उन्हें कुछ कामयाबी भी मिली है, लेकिन इतना साफ है कि वहां के सितारों के आगे उनकी फीस और स्टारडम पहुंचने में समय लगेगा। क्या आप सोच सकते हैं कि जो संजय दत्त मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री में स्टार हैसियत रखते हुए अपनी फिल्म में सबसे मोटी फीस लेते हैं, उन्हें साउथ में काम करने पर वहां सुपरस्टार के मुकाबले कितनी कम फीस मिल रही है। जब वह फिल्म के मुख्य विलेन बने हैं। जी हां, समाचार है कि दलपति विजय की 19 अक्टूबर को आ रही फिल्म लियो में संजय दत्त की फीस लीड स्टार के मुकाबले बहुत कम है।
फीस का भारी अंतर
बॉलीवुड बवाल के मुताबिक फिल्म के क्रेज को देखते हुए अनुमान है कि लियो पूरे विश्व के बॉक्स ऑफिस पर इतिहास रचेगी। फिल्म की विदेश में जमकर एडवांस बुकिंग हुई है। लियो का बजट 250-300 करोड़ रुपये के करीब कहा जा रहा है। लेकिन इसके स्टार कलाकारों की फीस चौंकाने वाली है। लियो में लीड रोल निभा रहे दलपति विजय को इस फिल्म के हीरो के रूप में 120 करोड़ रुपये की भारी फीस मिल रही है। वहीं मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री लियो में अहम भूमिका निभाने वाले खलनायक स्टार संजय को लियो में सिर्फ़ 8 करोड़ रुपये की फीस मिल रही है।
समस्या हिंदी की
सबकी नजर इस बात पर है कि संजय दत्त का फिल्म में रोल कैसा और कितना है। फिल्म में तृषा कृष्णन मुख्य नायिका हैं। तृषा दक्षिण भारतीय फिल्मों में सबसे अधिक फीस लेने वाली अभिनेत्रियों में से एक हैं और उन्हें फिल्म में अपने भूमिका के लिए पारिश्रमिक के रूप में 5 करोड़ रुपये का भुगतान हो रहा है। अनेक प्रचार-प्रसार के बाद भी हिंदी के डब वर्जन को कई मल्टीप्लेक्स लियो को रिलीज नहीं कर रहे हैं क्योंकि मुद्दा फिल्म की ओटीटी रिलीज से जुड़ा है। असल में साउथ की फिल्में रिलीज के चार हफ्तों के बाद ओटीटी पर पहुंच जाती हैं, जबकि हिंदी फिल्म आठ सप्ताह बाद स्ट्रीम होती है। हिंदी के सिनेमाघर मांग कर रहे हैं कि लियो को वे तभी लगाएंगे, जब वह आठ सप्ताह बाद ओटीटी पर रिलीज होगी। मगर ऐसा नहीं हो रहा है।