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दिबाकर बनर्जी ने लव सेक्स और धोखा 2 की कास्ट और रिसर्च पर की बात…

दिबाकर बनर्जी की फिल्मों का सब्जेक्ट अलग होता है. वह अधिक फिल्में नहीं बनाते लेकिन जब उनकी फिल्म आती है तो लोग चर्चा जरूर करते हैं. लव संभोग और विश्वासघात 2 रिलीज से पहले उन्होंने इसकी कास्ट और रिसर्च पर बात की. दिबाकर ने कहा कि एकता ने क्यों बोला था कि फिल्म रिलीज होने के बाद उन्हें छिपना पड़ेगा. साथ ही यह भी कहा कि ट्रांसजेंडर्स किन परेशानियों का सामना करते हैं.

ट्रांसफोबिक है समाज

दिबाकर बनर्जी सिद्धार्थ कनन के शो पर फिल्म के बारे में बात कर रहे थे. उनसे पूछा गया, लव संभोग और विश्वासघात 2 में ट्रांसवुमन को लेना सरल था, जबकि लोग अभिनेता को ही ट्रांस बनाते रहे हैं? दिबाकर ने बताया, हमारी फिल्म में दोनों हैं, आपको पता भी नहीं है. एक ट्रांसजेंडर है और दूसरी ट्रांसजेंडर का रोल एक अभिनेता ने प्ले किया है. एक ट्रांसजेडर को चुनना कोई परेशानी नहीं थी. दिबाकर बोले, यदि 2 ट्रांसजेंडर लेते तो परेशानी होती क्योंकि समाज ट्रांसफोबिक है.

एकता ने क्यों कही छिपने की बात

दिबाकर से पूछा गया कि एकता कपूर ने क्यों बोला था कि रिलीज के बाद छिपना पड़ेगा? दिवाकर ने उत्तर दिया, जब आप बाप के विरुद्ध आवाज उठाते हो तो आजकल इण्डिया में थोड़ी सी प्रॉब्लम होती है. बाप बहुत बड़ा फिगर बन गया है. यदि आप ट्रांसजेंडर या क्वीर की बात करोगे तो बाप के विरुद्ध जाए बिना वो बात हो ही नहीं पाएगी. क्योंकि एलजीबीटी, गे को मार्जिन में ढकेलने वाला बाप ही है. उसी ने बोला है कि तुम कुछ नहीं हो, या तुम गंदे हो, या तुम जहर हो, तुमसे परहेज करना चाहिए. महिला उतना नहीं करती, मर्द करता है. जब हम इस तरह की फिल्म बनाते हैं तो एक बड़ा ऑडियंस जो मर्द का ग्रुप होता है उनके अलग होने का डर होता है. डरे हुए मर्द से घातक कुछ भी नहीं. इसलिए एकता को ये बात पता है.

एक सा है ट्रांसजेंडर्स का दर्द

दिबाकर ने बोला कि वह इतना नहीं डरते क्योंकि बड़े स्टार के साथ काम नहीं कर रहा है. बोनिता राज पुरोहित के बारे में कुछ बताइए. इस पर दिबाकर कहे उन्हें उनके बारे में कुछ नहीं पता. बस इतना पता है कि दुनिया में वो सारे जो इस दर्द से गुजर चुके हैं कि मैं एक महिला हूं लेकिन मर्द के शरीर में कैद हूं, वो उन्होंने फेस किया है. फिर उन्होंने फेस किया है ट्रांसफॉर्मेशन सर्जरी. फिर उन्होंने सारा फिजिकल और मेंटल ट्रॉमा फेस किया है. वो सबका कॉमन पेन है, जितने भी ट्रांसजेंडर हैं.

ट्रांसजेंडर होना रिस्क है

फिल्म के लिए क्या रिसर्च की, इस पर दिबाकर बोले, मैं अपनी ट्रांसजेंडर दोस्त से बात कर रहा था जो शूट के दौरान दोस्त बनीं. उनसे पूछा कि ट्रांसजेंडर का मतलब क्या है? इस पर वह बोलीं, ट्रांसजेंडर का मतलब केवल रिस्क है. सुबह से शाम तक रिस्क. वो किसी एनजीओ में काम भी करती हैं. जब पैसे की कमी होती है तो प्रॉस्टिट्यूशन भी करना पड़ता है. ट्रांसजेंडर्स को बतौर सेक्शुअल चीज देखा जाता है. जैसे ही कोई ट्रांसजेंडर आता है, हम उसकी सेक्शुऐलिटी के बारे में पहले सोचते हैं.

ट्रांसजेंडर कैसे संभोग करता है

दिबाकर ने कहा, मान लीजिए मैं एक ट्रांसजेंडर हूं, मैं सोच रहा हूं कि इसके दिमाग में चल रहा होगा कि मैं कैसे संभोग करता हूं. या मैं कौन हूं, मेरा ऑपरेशन हुआ कि नहीं. जब कोई ट्रांसजेंडर सामने बैठा हो तो मर्द उसकी सेक्शुअल आइडेंटिटी पर ही सोचता और बात करता है.

 

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