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ये हैं साइबर ठगी के तरीके, होती है जबरदस्त कमाई

नागौर न्यूज़ डेस्क !!! औनलाइन गेम्स के साथ ट्रेडिंग में ‘लगाओ रकम-पाओ मैनिफोल्ड’ की थीम पर साइबर फ्रॉड का बाजार जोरों पर है. इसके अतिरिक्त क्रेडिट कार्ड एक्टिवेट करने के नाम पर व्हाट्सएप पर लिंक भेजे जा रहे हैं, जो लोगों के खातों से पैसे उड़ाने का जरिया बन गया है. इतना ही नहीं, गूगल से नंबर सर्च करने वाले कई लोग फर्जी नंबरों के जरिए ठगी का शिकार हो रहे हैं. साइबर ठगी रुकने का नाम नहीं ले रही है कभी बैंक अधिकारी तो कभी पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को परेशान किया जा रहा है. साइबर जालसाज इतने शातिर हैं कि मुकदमा तो दर्ज हो जाते हैं लेकिन जालसाज पकड़े नहीं जाते. औनलाइन गेम के जरिए अधिक कमाई के लालच में लोग साइबर फर्जीवाड़ा का भी शिकार हो रहे हैं. नागौर (डीडवाना-कुचामन) जिले में ऐसे कई मुद्दे सामने आ चुके हैं साइबर ठग तरह-तरह के लालच वाले लिंक भेज रहे हैं. इनमें इनकी मात्रा दोगुनी-चौगुनी बताई जाती है. गूगल ड्राइव या औनलाइन गेम में पैसा लगाने पर दोगुना देने का झांसा देकर लोगों को ठगा जा रहा है.

धोखाधड़ी के नये-नये ढंग जोरों पर हैं

साइबर सुरक्षा जानकार मुकेश चौधरी कहते हैं कि आज साइबर ठग सबसे पहला तरीका यह अपना रहे हैं कि वे बच्चे के नाम पर स्वयं को पुलिस अधिकारी बताते हैं और परिवार के सदस्यों को टेलीफोन करते हैं और उन्हें किसी भी बहाने से अरैस्ट करने और कारावास में डालने के लिए कहते हैं. ये सब इतनी शीघ्र होता है कि परिवार जल्द ही फंस जाता है और पैसा लगा देता है एक नया तरीका पार्सल के माध्यम से है इस दौरान दो-चार लोग कथित अधिकारी से बात करते हैं और पैसे ले लेते हैं

इस तरह भी नकली सामान दिया जा रहा है

साइबर एक्सपर्ट मुकनाराम का बोलना है कि ज्यादातर लोग कंपनी या बैंक ऑफिसरों से बात करने के लिए गूगल पर कस्टमर केयर नंबर सर्च करते हैं, उन पर फर्जी साइट्स और हैकर्स के नंबर उपस्थित रहते हैं. इन नंबरों पर कॉल करने से वे फंस जाते हैं और फर्जीवाड़ा का शिकार हो जाते हैं. कंपनी के लोगो पर मिले कस्टमर केयर नंबर ठीक होते हैं. एक प्रतिष्ठित बैंक का अधिकारी बनकर लोगों को कॉल करता है और क्रेडिट कार्ड पर कुछ रिवॉर्ड प्वाइंट होते हैं, उन्हें तुरंत भुनाना होता है, वरना वे खत्म हो जाएंगे. इसके बाद आम आदमी जैसे ही उस लिंक की जानकारी भरता है, अज्ञात आदमी उक्त बैक ग्राहक के मोबाइल पर लिंक भेज देता है. एक हैकर डेटा लेकर फर्जीवाड़ा करता है

गूगल से किसी ज्योतिषी का नंबर खोजना महंगा है

ब्रह्मपुरी निवासी एक स्त्री को घर की सुख-समृद्धि के लिए पूजा करानी पड़ी. उन्होंने गूगल पर ज्योतिषियों को खोजना प्रारम्भ किया. इस दौरान यदि आपको ज्योतिष गुरु का मोबाइल नंबर मिले तो उनसे संपर्क करें और पूजा करने के लिए कहें. सत्तर हजार की मांग की गई, जिसे स्त्री ने पूरा कर दिया. जब पूजा की बात आगे नहीं बढ़ी तो उसने दोबारा टेलीफोन किया ज्योतिषी ने फिर साढ़े ग्यारह हजार की मांग की. यह राशि भी भेज दी गयी इसके बाद उन्होंने कई बार टेलीफोन किया तो कभी ज्योतिष गुरु के पीए गोविंद तो कभी कुंदन ने टेलीफोन उठाया और पैसे मांगे इस तरह करीब 95 हजार को चूना लगाया, साइबर ठगों के न जाने कितने नंबर गूगल में रजिस्टर्ड हैं.

निवेश के नाम पर 87 लाख की फर्जीवाड़ा का पता नहीं चला

दिल्ली दरवाजा निवासी मुनव्वर ने करीब डेढ़ माह पहले करीब 87 लाख की साइबर ठगी का मुद्दा दर्ज कराया था. इसमें एक इन्वेस्टमेंट कंपनी ग्रुप ने उन्हें भारी फायदा देने का वादा कर व्हाट्सएप के जरिए निवेश कराया, फिर डिविडेंड तो दूर की बात, वास्तविक धनराशि फंस गई. एक्सचेंज एंड स्टडी क्लब नाम की कंपनी से जुड़े. इस ग्रुप में दस-बारह लोग थे, एक ज़ूम मीटिंग भी थी जिसमें जॉर्ज नाम का एक ही आदमी नज़र आ रहा था सभी संदेशों का आदान-प्रदान चैट के माध्यम से होता था, मीरा नाम की स्त्री मुख्य रूप से उससे पैसे या अन्य संदेश देती और प्राप्त करती थी. बार-बार फर्जीवाड़ा कर करीब 87 लाख रुपये जमा कराए गए, अब वे सभी गायब हो गए हैं.

IPO खरीदने के नाम पर भी धोखाधड़ी

खुड़खुड़ा कला निवासी सुरेश ने साइबर पुलिस स्टेशन में 77 लाख की ठगी का मुद्दा दर्ज कराया है जोधपुर की जनता कॉलोनी बासनी निवासी सूर्य प्रकाश व्यास और पांच अन्य लोगों पर कंपनी का आईपीओ खरीदने पर लाखों-करोड़ों रुपये का फायदा दिलाने का झांसा देकर सत्तर लाख रुपये हड़पने की सूचना मिली थी. इस मुद्दे में पुलिस ने एक आदमी को अरैस्ट जरूर किया था

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