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PPF अकाउंट आपको क्यों खोलना चाहिए, जानें इसके फायदे

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) एकाउंट उन निवेशकों के लिए एक पॉपुलर निवेश विकल्प है जो लंबी अवधि के वित्तीय लक्ष्यों के लिए बचत करना चाहते हैं. गवर्नमेंट द्वारा हर तिमाही में पीपीएफ पर ब्याज दरें घोषित की जाती हैं. पीपीएफ के जरिये रिटायरमेंट के लिए धन जुटाना या बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए धन जुटाना सरल हो पाता है. पीपीएफ दरअसल, हिंदुस्तान गवर्नमेंट की एक बचत स्कीम है. यह गारंटीड रिटर्न और टैक्स फायदा प्रदान करती है. पीपीएफ अकाउंटहोल्डर  100 रुपये के मल्टीपल में सालाना अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं. पीपीएफ एकाउंट बैंक या पोस्ट ऑफिस में से कही एक स्थान ही खोला जा सकता है.

ब्याज रेट और टैक्स छूट का फायदा

पीपीएफ एकाउंट पर अधिक ब्याज भी मिलता है. पीपीएफ एकाउंट पर मौजूदा समय में ब्याज रेट 7.1% सालाना है, जो बैंक सावधि जमा, बचत खाते और डाकघर योजनाओं जैसे अधिकतर अन्य निश्चित आय निवेश विकल्पों से अधिक है. इस एकाउंट में ईईई (छूट-छूट-छूट) मॉडल के तहत, पीपीएफ खाते में किए गए योगदान, खाते पर अर्जित ब्याज और परिपक्वता पर प्राप्त राशि सभी टैक्स फ्री हैं. यह पीपीएफ को टैक्स बचाने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए सबसे सुन्दर निवेश विकल्पों में से एक बनाता है.

लोन लेने का प्रावधान

पीपीएफ खाता खोलने का एक और लाभ यह है कि इससे आदमी अपने खाते की बैलेंस राशि पर लोन ले सकता है. पीपीएफ खाताधारक खाता खोलने के तीसरे वित्तीय साल से लेकर छठे वित्तीय साल के आखिर तक लोन ले सकते हैं. लोन की राशि दूसरे पिछले वित्तीय साल के आखिर में एकाउंट बैलेंस के 25 फीसदी तक हो सकती है. पीपीएफ खाते पर लिए गए लोन पर तुलनात्मक रूप से कम ब्याज रेट मिलती है, आम तौर पर यह लगभग 1% होती है. लोन को 36 महीनों के भीतर पूरी तरह से चुकाया जाना चाहिए, और उस पर अर्जित ब्याज को पुनर्भुगतान के समय मूल राशि के साथ एकमुश्त भुगतान किया जाना चाहिए.

आंशिक निकासी की भी सुविधा

टैक्स बेनिफिट्स और लोन सुविधाओं के अलावा, पीपीएफ आंशिक निकासी की सुविधा भी प्रदान करता है. खाता खोलने के पांच वर्ष पूरे होने के बाद, कोई आदमी पीपीएफ खाते में शेष राशि का एक हिस्सा निकाल सकता है. आईसीआईसीआई डायरेक्ट के मुताबिक, आंशिक निकासी की राशि निकासी के साल से पहले चौथे साल के आखिर में शेष राशि के 50% या तुरन्त पूर्ववर्ती साल के अंत में शेष राशि के 50% तक सीमित है, जो भी कम हो. आंशिक निकासी हर वित्तीय साल में एक बार की जा सकती है. आंशिक निकासी चिकित्सा आपात स्थिति, उच्च शिक्षा और अन्य वित्तीय आवश्यकताओं जैसे मकसद को पूरा करने के लिए की जा सकती है.

पीपीएफ पीरियड को बढ़ा सकते हैं आगे

PPF एकाउंट को निवेशकों के बीच पसंदीदा विकल्प बनाती है. PPF खाता न्यूनतम 15 साल की लॉक-इन अवधि के साथ आता है, जिसे अनिश्चित काल के लिए 5 सालों  तक के लिए में बढ़ाया जा सकता है. इसका मतलब यह है कि 15 वर्ष पूरे होने के बाद भी निवेशक अपने खाते को एक्टिव रखने और अपने निवेश पर टैक्स फ्री रिटर्न अर्जित करना जारी रख सकते हैं. अवधि विस्तार का विकल्प चुनकर, निवेशक पीपीएफ खाते के टैक्स बेनिफिट्स का आनंद लेना जारी रख सकते हैं. निवेशक अपने खाते में नयी जमा राशि भी जारी रख सकते हैं, जो कि प्रति साल 1.5 लाख रुपये की कुल सीमा के अधीन है.

नाबालिगों के लिए भी पीपीएफ खाता

अगर कोई नाबालिग है तो वह भी पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) खाता खोल सकता है. भविष्य के लिए बचत प्रारम्भ करने का यह एक बहुत बढ़िया तरीका है. पीपीएफ एक लंबे समय का निवेश विकल्प है, और शीघ्र प्रारम्भ करने से समय के साथ एक जरूरी फंड बनाने में सहायता मिल सकती है. खाता सिर्फ़ नाबालिग के माता-पिता या कानूनी अभिभावक द्वारा खोला जा सकता है. नाबालिग या तो हिंदुस्तान का निवासी होना चाहिए या विदेश में रहने वाला हिंदुस्तान का नागरिक होना चाहिए. खाता नाबालिग के नाम पर होगा, जिसमें माता-पिता या कानूनी अभिभावक खाते के अभिभावक के रूप में कार्य करेंगे

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