सत्य नडेला पर सरकार ने लगाया भारी जुर्माना
कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने बुधवार को कंपनी अधिनियम के अनुसार जरूरी फायदेमंद स्वामित्व नियमों के उल्लंघन को लेकर माइक्रोसॉफ्ट की लिंक्डइन इंडिया, सत्य नडेला और अन्य लोगों पर जुर्माना लगाया. आरओसी (Registrar of Companies) ने लिंक्डइन टेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन प्राइवेट लि।या लिंक्डइन इंडिया, नडेला, लिंक्डइन के सीईओ रेयान रोस्लान्स्की और सात अन्य व्यक्तियों पर कुल 27,10,800 रुपये का जुर्माना लगाया है.
नडेला माइक्रोसॉफ्ट के प्रमुख हैं. उन्होंने दिसंबर, 2016 में पेशेवर नेटवर्किंग मंच लिंक्डइन का अधिग्रहण किया था. कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के भीतर आने वाले कंपनी पंजीयक (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और हरियाणा) ने 63 पृष्ठ के आदेश में बोला कि लिंक्डइन इण्डिया और व्यक्तियों ने कंपनी कानून, 2013 के अनुसार जरूरी फायदेमंद स्वामित्व (एसबीओ) नियमों का उल्लंघन किया है. कंपनी पंजीयक ने अपने आदेश में बोला कि सत्य नडेला और रेयान रोसलांस्की कंपनी के संबंध में एसबीओ हैं.
क्यों की गई यह कार्रवाई
वे धारा 90 (1) के के अनुसार रिपोर्ट करने में उनकी विफलता के कारण अधिनियम की धारा 90(10) के अनुसार जुर्माने के लिए उत्तरदायी हैं. रोसलांस्की को एक जून, 2020 को लिंक्डइन कॉरपोरेशन के अंतरराष्ट्रीय सीईओ के रूप में नियुक्त किया गया था. वह सत्य नडेला को रिपोर्ट करते हैं. अधिनियम की धारा 90 एसबीओ से संबंधित है. इसके लिए कंपनियों को एसबीओ विवरण का खुलासा करने की आवश्यकता होती है. आदेश के अनुसार, कंपनी के संबंध में जरूरी फायदेमंद स्वामित्व की पहचान करने के लिए जरूरी कदम उठाने में विफल रहने को लेकर कंपनी और उसके अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई बनती है.
किस पर कितना जुर्माना लगाया गया
महत्वपूर्ण फायदेमंद स्वामित्व नियमों के उल्लंघन के लिए लिंक्डइन इण्डिया पर सात लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. वहीं नडेला और रोस्लांस्की पर क्रमश: दो-दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. आदेश में जिन अन्य व्यक्तियों पर जुर्माना लगाया गया है वे कीथ रेंजर डॉलिवर, बेंजामिन ओवेन ऑर्नडॉर्फ, मिशेल कैटी लेउंग, लिसा एमिको सातो, आशुतोष गुप्ता, मार्क लियोनार्ड नाद्रेस लेगास्पी और हेनरी चिनिंग फोंग हैं. लिंक्डइन इण्डिया की स्थापना माइक्रोसॉफ्ट समूह की सहायक कंपनी के रूप में की गई है. इस आदेश की प्राप्ति की तारीख से 60 दिन के भीतर क्षेत्रीय निदेशक (एनआर) के पास आदेश के विरुद्ध अपील दाखिल की जा सकती है.