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भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण ने गैर-जीवन बीमा पॉलिसी में किया ऐतिहासिक बदलाव

भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDA) ने गैर-जीवन बीमा पॉलिसी में ऐतिहासिक परिवर्तन किया है. इसके अनुसार अब ग्राहक वाहन, संपत्ति और हादसा बीमा अपनी आवश्यकता और सुविधा के मुताबिक खरीद पाएंगे. इस तरह की बीमा पॉलिसियों को नीति शब्दावली से हटाया गया है. नए नियम लागू कर दिए गए हैं. हालांकि, थर्ड पार्टी मोटर बीमा में किसी तरह का परिवर्तन नहीं किया गया है.

वाहन मालिकों का बड़ा फायदा

जानकारों का बोलना है कि नयी प्रबंध से बीमा धारकों को काफी लाभ होगा, खासकर गाड़ी चालकों को. वर्तमान में मोटर बीमा कवरेज पूरे वर्ष के लिए मिलता है, चाहे चालक कार चलाए या उसका इस्तेमाल ना भी करे. यह बीमा काफी महंगा भी होता है. गाड़ी चालकों के पास इसे लेने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं होता.

 नई प्रबंध में बीमा ग्राहकों को यह छूट मिलेगी कि जब वह गाड़ी का इस्तेमाल करेंगे, उसी समय अवधि के लिए बीमा कवर खरीद सकेंगे. यानी यदि कोई गाड़ी मालिक सप्ताहांत या महीने में एक बार ही कार का इस्तेमाल करता है तो वह उसी के मुताबिक बीमा खरीद पाएगा. इसकी मूल्य भी काफी कम होगी.

बीमा लागत में कमी आएगी

जानकारों का बोलना है कि इसके अतिरिक्त ऐसे चालकों को भी राहत मिलेगी, जो सिर्फ़ गाड़ी को होने वाले बड़े हानि के लिए बीमा कवर चाहते हैं. अपने पैसे से छोटे हानि का सामना वह स्वयं कर सकते हैं. ऐसे में बीमा लागत में कमी आएगी. कंपनियां जल्द ही ऐसे बीमा कवर प्रदान कर सकती हैं.

दुकानदारों और व्यापारियों को भी लाभ

इसी तरह मौजूदा व्यस्था में दुकानदारों और कारोबारियों के लिए अपने व्यवसाय के लिए 12 विभिन्न तरह के जोखिम कवर करने वाली बीमा पॉलिसी दी जाती है. इसकी मूल्य भी अधिक होती है. नयी प्रबंध में दुकानदार या व्यापारी अपनी आवश्यकता के अनुसार सिर्फ़ आग, बाढ़ या भूकंप जैसी आपदा के कवर के लिए पॉलिसी खरीद पाएंगे. बीमा कंपनियों को ऐसे बीमा कवर को मौजूद कराएंगे, जिनका प्रीमियम भी काफी कम होगा.

यह है मौजूदा व्यवस्था

अब तक सभी इंश्योरेंस कंपनियां वाहन, संपत्ति और प्राकृतिक आपदाओं के लिए मानक पॉलिसी मौजूद कराती हैं. इसमें कई तरह के अतिरिक्त जोखिम कवर कंपनियों की ओर से जोड़ दिए जाते हैं, जिससे बीमा प्रीमियम महंगा हो जाता है.

जानकारों का बोलना है कि मानक पॉलिसी में कई जोखिम कवर ऐसे होते हैं, जिनकी आवश्यकता शायद ही ग्राहक को पड़ती हो. यदि ग्राहक इसमें कुछ जुड़वाना चाहता है तो ऐड-ऑन कवर लेना पड़ता है. इसके लिए भी अतिरिक्त शुल्क वसूला जाता है. नयी प्रबंध बीमा ग्राहकों के काफी अनुकूल होगी. कंपनियां उनकी आवश्यकता के अनुरूप बीमा प्रस्ताव मौजूद कराएंगी.

बोर्ड की स्वीकृति जरूरी

इस संबंध में इरडा द्वारा जारी अधिसूचना में यह भी बोला गया है कि नए बीमा उत्पाद, उसमें कवर होने वाले सभी क्षेत्र और इससे जुड़े विज्ञापन बीमा कंपनी के बोर्ड द्वारा अनुमोदित होने चाहिए. बोर्ड पर नीतियों के कार्यान्वयन की उत्तरदायी होगी.

 

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