बायोकेमेस्ट्री विभाग के आचार्य ने 8.91 लाख रुपए वेतन लेने का सरकार पर लगाया आरोप
क्या बात है आ?
20 अगस्त 2018 को समन्वयक, राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी, (राजमेस) जयपुर द्वारा डाॅ। पं।दीनदयाल उपाध्याय राजकीय मेडिकल कॉलेज चूरू के बायोकेमिस्ट्री विभाग में श्रवण कुमार मीना को आचार्य पद पर नियुक्त किया गया है. दूसरे दिन मीना ने चूरू के मेडिकल कॉलेज में उक्त पद का कार्यभार ग्रहण कर लिया. श्रवण मीना 1 जनवरी 2021 तक चूरू मेडिकल कॉलेज में बायोकेमिस्ट्री विभाग के विभागाध्यक्ष थे। इसके बाद उनका स्थानांतरण सीकर मेडिकल कॉलेज में कर दिया गया.
यही अवकाश का नियम है
विभागीय नियमानुसार उक्त सोसायटी में नवनियुक्त चिकित्सा शिक्षक को एक साल की परिवीक्षा अवधि में मात्र 15 दिन का आकस्मिक अवकाश अनुमन्य है. इसके अतिरिक्त, यदि डॉक्टर छुट्टी पर है, तो इसे असाधारण अवकाश की श्रेणी में माना जाता है जो अवैतनिक है. यदि असाधारण छुट्टी 30 दिनों से अधिक की अवधि के लिए है, तो परिवीक्षा की अवधि स्वचालित रूप से उतने ही दिनों के लिए बढ़ा दी जाएगी जो एक साल तक हो सकती है.
व्हाइटनर से छंटाई की उपस्थिति
चूरू और सीकर मेडिकल कॉलेज में रहते हुए मीना कई बार अनुपस्थित रहे. उपस्थिति पंजिका में सक्षम प्राधिकारी द्वारा बनाये गये निशान पर सफेद स्याही लगाकर मौजूद हुए. असाधारण अवकाश पर रहते हुए भी वेतन आहरण हेतु मासिक उपस्थिति विवरणी प्राचार्य कार्यालय में जमा की. ऐसे में उन्होंने छुट्टी के दिनों का वेतन भी लिया।
दूसरों से भी हस्ताक्षर करवाएं
एसीबी की जांच में पता चला है कि सीकर और चूरू मेडिकल कॉलेजों में अपनी पोस्टिंग के दौरान बनाए गए उपस्थिति रजिस्टर में मीना ने दूसरे लोगों से अपने हस्ताक्षर करवाए थे। श्रवण कुमार मीना ने उपरोक्त अवधि के लिए चूरू एवं सीकर मेडिकल कॉलेजों में पदस्थापना के दौरान अपना एवं अपने बायोकैमिस्ट्री विभाग के अन्य कर्मचारियों का वेतन बनाने हेतु मासिक उपस्थिति विवरणी तैयार कर प्राचार्य कार्यालय में जमा करा दी है, जिसमें उनकी दोनों स्थान मासिक उपस्थिति विवरणी है. नियमानुसार इनमें से अधिकतर को एक साथ जारी नहीं किया गया है. जिसके आधार पर प्राचार्य कार्यालय से डाॅ। श्रवण कुमार मीना को वेतन भुगतान कर दिया गया है।
सीकर में पद का दुरुपयोग
श्रवण कुमार मीना विभागाध्यक्ष बायोकेमेस्ट्री विभाग मेडिकल कॉलेज चूरू ने अपनी पदस्थापना के दौरान 88 दिन तथा मेडिकल कॉलेज सीकर में पदस्थापना के दौरान 42 दिन की गलत उपस्थिति बनाकर पद का दुरुपयोग किया है. इसके अतिरिक्त वेतन आहरण के लिए अधिकतर मासिक उपस्थिति विवरणी भी मासिक की बजाय एक साथ जारी की गई है, जिसके आधार पर चूरू मेडिकल कॉलेज में पोस्टिंग के दौरान 88 दिन और सीकर मेडिकल कॉलेज में पोस्टिंग के दौरान 42 दिन की सैलरी 5 लाख 67 हजार है. असाधारण अवकाश पर रहते हुए उन्होंने 3 लाख 24 हजार कुल 8 लाख 91 हजार रुपये वेतन भत्तों का अधिक भुगतान प्राप्त कर स्वयं को आर्थिक फायदा एवं राज्य गवर्नमेंट को आर्थिक क्षति पहुंचायी है। कम्पलेन के आधार पर जांच की गई. जांच में सामने आया कि मीना ने 88 दिन की फर्जी हाजिरी बनाकर 8 लाख 91 हजार रुपए का गलत भुगतान किया. जांच के आधार पर एसीबी मुख्यालय में उनके विरुद्ध मुद्दा दर्ज किया गया है।