बायजूस ने अपने 292 ट्यूशन सेंटरों में से 30 को किया बंद
नकदी संकट से जूझ रही एडटेक कंपनी बायजूस (Byju’s) ने अपने 292 ट्यूशन सेंटरों में से 30 को बंद कर दिया है. बायजूस की पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न ने बयान जारी कर बोला कि खर्च में कम करने के तरीकों के अनुसार बायजूस ने इन ट्यूशन सेंटरों को बंद करने का निर्णय लिया है.
कंपनी ने कहा कि बाकी के 262 ट्यूशन सेंटर हाइब्रिड मॉडल पर चलते रहेंगे. इससे पहले बायजूस अपने हेडक्वार्टर को छोड़कर अन्य सभी ऑफिसों को बंद कर चुका है. साथ ही सभी एम्प्लॉइज को घर से काम करने यानी वर्क फ्रॉम होम करने को बोला है.
बायजूस बोला- टीचर्स के डेडिकेशन और स्टूडेंट्स के परफॉर्मेंस पर हमें गर्व
बायजूस ने बयान जारी कर बोला कि हमें अपने टीचर्स के डेडिकेशन और अपने स्टूडेंट्स के परफॉर्मेंस पर बहुत गर्व है. क्वालिटी पर ध्यान देने से अधिकतर ट्यूशन सेंटर को मुनाफे में लाने में सहायता मिल रही है. आने वाले वर्षों में 262 ट्यूशन सेंटर बेस्ट और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के इंटीग्रेट के साथ हाइब्रिड मॉडल में काम करते रहेंगे.
विवाद के चलते बढ़ा नकदी का संकट
बायजूस के निवेशकों प्रोसस एनवी, पीक एक्सवी पार्टनर्स, जनरल अटलांटिक और सोफिना एसए ने 225 मिलियन $ (करीब 1,862 करोड़ रुपए) के पोस्ट-मनी वैल्यूएशन पर 200 मिलियन $ यानी करीब 1,655 करोड़ रुपए जुटाने के कंपनी के निर्णय का विरोध किया. यह फंड रेजिंग पिछले राउंड से 99% कम है. पिछला फंडिंग राउंड 22 बिलियन $ यानी करीब 1.82 लाख करोड़ रुपए के वैल्यूएशन पर हुआ था.
बायजू के निवेशकों ने कंपनी पर अमेरिका में 533 मिलियन $ (करीब 4,411 करोड़ रुपए) की हेराफेरी का इल्जाम लगाते हुए 1,655 करोड़ रुपए के राइट्स इश्यू पर रोक लगाने की मांग की है. इसे गैरकानूनी और कानून के उल्टा कहा है.
रवींद्रन ने सैलरी देने के लिए गिरवी रखा घर
इससे पहले बायजूस के फाउंडर बायजू रवींद्रन एम्प्लॉइज को सैलरी देने के लिए अपने घर के साथ-साथ अपने फैमिली मेंबर्स का घर भी गिरवी रख चुके हैं. बेंगलुरु के दो घरों को गिरवी रखकर उन्होंने करीब 100 करोड़ रुपए जुटाए और करीब 15,000 एम्प्लॉइज को सैलरी दी थी.
बायजूस के इन्वेस्टर्स ने रवींद्रन को बोर्ड से बाहर किया
23 फरवरी को बायजूस के इन्वेस्टर्स ने एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGM) के बाद कंपनी के फाउंडर-CEO बायजू रवींद्रन, उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ और भाई रिजु रवींद्रन को बोर्ड से हटा दिया था. प्रोसस, जनरल अटलांटिक और पीक एक्सवी जैसे कई ब्लू चिप इन्वेस्टर्स ने EGM में रवींद्रन और उनकी फैमिली को हटाने के लिए वोट किया था.
रविंद्रन ने कहा- मैं बायजूस का CEO बना रहूंगा
इसके बाद 24 फरवरी को बायजू रवींद्रन ने कर्मचारियों को लिखे लेटर में बोला था कि ‘मैं आपको यह लेटर हमारी कंपनी के CEO के रूप में लिख रहा हूं. आपने मीडिया में जो भी पढ़ा होगा, वह गलत है. मैं कंपनी का CEO बना रहूंगा, मैनेजमेंट और बोर्ड भी वही रहेगा.‘
रवींद्रन ने आगे कहा, ‘सेलेक्टेड माइनॉरिटी इन्वेस्टर्स के एक छोटे ग्रुप के किए गए दावे कि उन्होंने सर्वसहमति से EGM में प्रस्ताव पारित किया है, पूरी तरह से गलत है. 170 शेयरहोल्डर्स में से सिर्फ़ 35 यानी लगभग 20% शेयरहोल्डर्स ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया. यह अपने आप में ही है इस इर्रेलेवेंट मीटिंग को प्राप्त बहुत ही लिमिटेड सपोर्ट को दर्शाता है.‘
कंपनी में रवींद्रन और उनकी फैमिली की लगभग 26% हिस्सेदारी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन्वेस्टर्स ने रवींद्रन की लीडरशिप वाले मैनेजमेंट के मिसमैनेजमेंट और फेल्योर्स की वजह से यह निर्णय किया. जिन शेयरहोल्डर्स ने EGM बुलाई थी, उनके पास बायजूस में टोटल 30% से अधिक की हिस्सेदारी है. कंपनी में रवींद्रन और उनकी फैमिली की लगभग 26% हिस्सेदारी है.
EGM में निवेशकों ने लीडरशिप में सुधार करने, बोर्ड को रिकंस्टीट्यूट करने और एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़े उल्लंघनों की फोरेंसिक जांच प्रारम्भ करने के लिए भी प्रस्ताव पारित किए थे.
3 बड़ी चीजें जो बायजूस के साथ हाल के दिनों हुई
- भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने बायजूस के विरुद्ध दिवालिया कार्रवाई प्रारम्भ की. बायजूस पर ₹158 करोड़ के पेमेंट में चूक का इल्जाम है.
- ED ने 9,000 करोड़ से अधिक के FEMA उल्लंघन मुद्दे में नोटिस भेजा. फॉरेन करेंसी फ्लो को लेकर 1999 में FEMA बना था.
- गुरुग्राम ऑफिस का रेंट पेमेंट न करने पर कर्मचारियों को प्रॉपर्टी मालिक ने बाहर कर दिया. उनके लैपटॉप बरामद कर लिए.
बायजूस का 2022 में घाटा बढ़कर 8,245 करोड़ रहा
एड-टेक कंपनी बायजूस को वित्त साल 2022 में ₹8,245 करोड़ का घाटा हुआ है. वित्त साल 2021 में घाटा 4,564 करोड़ रुपए था. यानी कंपनी का घाटा करीब-करीब दोगुना हो गया है. इस दौरान कंपनी का टोटल रेवेन्यू ₹5,298 करोड़ रहा. 2021 में रेवेन्यू 2,428 करोड़ रुपए था. यानी रेवेन्यू में 118% का उछाल आया है.
बायजूस की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न ने कंपनी रजिस्ट्रार के पास अपनी ऑडिटेड फाइनेंशियल रिपोर्ट दाखिल की है. घाटे का लगभग आधा हिस्सा (लगभग 3,800 करोड़ रुपए) व्हाइटहैट जूनियर और ओस्मो जैसी कंपनियों के कारण है. कंपनी की ओर से किए गए ये दो प्रमुख अधिग्रहण हैं.