बिहार

अंतरिम बजट को लेकर बिहार के गया के लोगों की उम्मीदों पर फिरा पानी

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के द्वारा गुरुवार को अंतरिम बजट पेश किया गया, जिसमें देशवासियों को गवर्नमेंट से काफी आशा थीअंतरिम बजट को लेकर बिहार के गया के लोगों को भी खास आशा थी गया और बोधगया तरराष्ट्रीय स्थान है और यहां हर वर्ष औसतन 8-10 लाख देशी-विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं ऐसे में यहां के विकास को लेकर लोग काफी आशा कर रहे थे लेकिन अंतरिम बजट में इसके विकास को लेकर कोई चर्चा नहीं की गई यहां के लोग वर्षों से महाबोधि कॉरिडोर और विष्णुपद कॉरिडोर बनाने की मांग कर रहे हैं आखिरी बजट पर बोधगया पर्यटन क्षेत्र से जुड़े व्यवसायी का मानना है कि केंद्र गवर्नमेंट का यह बजट गयावासियों को काफी उपेक्षित किया है

काशी कॉरिडोर के तर्ज पर कॉरिडोर बनाने की मांग
बोधगया ट्रैवल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश सिंह ने कहा कि गवर्नमेंट से हम लोगों को काफी आशा थी, लेकिन उन्होंने काफी निराश किया है वैसे बोधगया बौद्ध धर्म का मक्का बोला जाता है यहां हर वर्ष 2 लाख से अधिक बौद्ध श्रद्धालु आते हैं और यहां काफी विदेशी पैसा आता है बोधगया में 56 राष्ट्र के बौद्ध श्रद्धालु आते हैं हमलोगों ने गवर्नमेंट से गया और बोधगया को काशी कॉरिडोर के तर्ज पर कॉरिडोर बनाने की मांग रखी है, लेकिन उसपर भी कोई काम नहीं किया गया बिहार गवर्नमेंट से भी हम लोगों को काफी आशा है कि गया और बोधगया का विकास किया जाए

अंतरिम बजट एक चुनावी बजट
वहीं बोधगया होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष जय सिंह बताते हैं कि केंद्र गवर्नमेंट का अंतरिम बजट एक चुनावी बजट है इसमें टैक्स पेयर को किसी भी तरह का छूट नहीं दिया गया है अरबो-खरबों रुपए टैक्स के पैसे गवर्नमेंट को जाते हैं, लेकिन उस पैसे का इस्तेमाल गवर्नमेंट अपने वोट के लिए कर रहे हैं पर्यटन के दृष्टिकोण से गया और बोधगया काफी जरूरी स्थान है इसे विकसित किया जाना चाहिए था

बुनियादी सुविधा का काफी अभाव
वहीं बोधगया के अरविंद सिंह बताते हैं कि इस बजट को देखकर हम लोगों को काफी तकलीफ हुआ हमलोग विश्व के मानचित्र पर हैं, लेकिन इसके विकास को लेकर आज तक किसी गवर्नमेंट ने नहीं सोची गया और बोधगया लोगों के आस्था का स्थान है, लेकिन यहां बुनियादी सुविधा का काफी अभाव है बोधगया में ड्रेनेज सिस्टम नहीं है, सड़के चौड़ी नहीं है इसलिए गवर्नमेंट को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है

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