उत्तराखण्ड

Hariyali Teej 2023: हरियाली तीज में इन तीन बातों का रखें विशेष महत्व, प्रसन्न होंगे शिव-पार्वती

ऊधम सिंह नगर सनातन धर्म के ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक श्रवण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरियाली तीज मनाई जाती है इस दिन महिलाएं निर्जला तीज का व्रत रख कर ईश्वर शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करती है मान्यता है कि हरियाली तीज पर व्रत रखने वाली स्त्रियों के पति की उम्र लंबी होती है और वो सदा सुहागन रहती हैं हरियाली तीज का व्रत रखने वाली कुंवारी कन्याओं को सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है

सावन के महीने में आने वाली हरियाली तीज इस बार 19 अगस्त, 2023 को मनाई जाएगी इस दिन महिलाएं और कुंवारी लड़कियां निर्जला व्रत रख कर ईश्वर शिव और माता पार्वती की पूजा करेंगी इस व्रत को रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उन पर माता पार्वती ईश्वर शिव की विशेष कृपा बनी रहती है

उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के वरिष्ठ आचार्य पंडित अरुणेश मिश्रा ने न्यूज 18 लोकल से वार्ता करते हुए कहा कि ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सावन के महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया की आरंभ 18 अगस्त 2023 को रात 8:01 बजे से होगी और 19 अगस्त 2023 को रात 10:19 पर खत्म होगी इसीलिए इस बार हरियाली तीज 19 अगस्त, 2023 को मनाई जाएगी उन्होंने बोला कि हरियाली तीज के दिन स्त्रियों को ब्रह्म प्रातः काल मुहूर्त में उठ कर स्नान करने के बाद चौकी पर पीला वस्त्र बिछा कर ईश्वर शिव और मां पार्वती की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें और भांग, बेलपत्र, चावल, दूर्वा घास, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, दही, मिश्री, पंचामृत, शहद, सुपारी, जटा नारियल, जनेऊ और शमी पत्र पूजा में रखें मां पार्वती को सुहाग का सामान चूड़ी, साड़ी, सिंदूर और बिंदी अर्पित करें और हरियाली तीज की कथा सुनें

आचार्य पंडित अरुणेश मिश्रा ने कहा कि शिव पुराण में कहा गया है कि माता पार्वती ने ईश्वर शिव के लिए हरियाली तीज का निर्जला व्रत रखा था, जिसके बाद ईश्वर शिव से उनका शादी हुआ था इसीलिए बोला जाता है कि जो कुंवारी कन्या हरियाली तीज का व्रत विधि विधान से करती हैं उसे सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है जबकि, जो सुहागन स्त्री इस व्रत को करती है उसके पति की उम्र लंबी होती है उन्होंने बोला कि हरियाली तीज में इन तीन बातों का विशेष महत्व रखें

झूले का महत्व

हरियाली तीज के अवसर पर झूला झूलने की की परंपरा है इस दिन महिलाएं झूला पेड़ पर डाल कर झूला झूलती हैं ईश्वर शिव और माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए लोक गीत गाती हैं

व्रत पूजा

हरियाली तीज के व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं सुबह सबसे पहले स्नान करने के बाद विधि विधान से ईश्वर शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं फिर अगले दिन अपने व्रत का पारण करती हैं यह व्रत निर्जला रखा जाता है

श्रृंगार में हरे रंग महत्व

हरियाली तीज सुहाग का त्योहार है सावन में हरियाली तीज आने से इसका महत्व दोगुना हो जाता है ईश्वर शिव को हरा रंग अति प्रिय है इसीलिए इस दिन महिलाएं हरी साड़ी, हरी मेहंदी, हरी चूड़ियों के साथ सोलह श्रृंगार कर के पूजा-अर्चना करती हैं

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