उत्तराखंड के अल्मोड़ा के इस मंदिर में जाकर करें नए साल की शुरुआत
उत्तराखंड के अल्मोड़ा में एक ऐसा मंदिर है, जो इन्साफ दिलाने के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। नए वर्ष के मौके पर दूरदराज से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और इन्साफ के देवता गोल्ज्यू के दर्शन से अपने वर्ष की आरंभ करते हैं। चितई गोलू देवता मंदिर (Chitai Golu Devta Temple Almora) में श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमाण चिट्ठियों के रूप में देखने को मिलता है। मंदिर परिसर में हजारों की संख्या में चिट्ठी और घंटियां देखने को मिलती हैं। मान्यता है कि जब किसी आदमी को इन्साफ नहीं मिलता है, तो वह इस मंदिर में आकर गोल्ज्यू देवता के समक्ष अर्जी लगाता है और कामना पूरी होने के बाद मंदिर में घंटी और प्रसाद चढ़ाता है।
अर्जी लगाने के बाद जीता मुकदमा
गोलू देवता मंदिर में आगरा से आए श्रद्धालु चक्रेश ने बोला कि वह पिछले 7 वर्ष से उनके विरुद्ध चल रहे मुकदमे को लड़ रहे थे। इस बीच उन्हें इस मंदिर के बारे में पता चला और फिर वह यहां अपनी अर्जी लेकर आए थे। इसके बाद करिश्मा हुआ और वह मुकदमा जीत गए। अब वह यहां फिर से आए हैं। उन्होंने गोलू देवता के दर्शन कर उन्हें धन्यवाद दिया और घंटी और प्रसाद चढ़ाया। उन्होंने बोला कि इस मंदिर के प्रति उनकी आस्था अब और भी अधिक बढ़ चुकी है। वह अपने परिवार के साथ ऐसे ही इस मंदिर में आते रहेंगे।
‘मंदिर की मान्यता खींच लाई’
लखनऊ से अल्मोड़ा घूमने आईं पर्यटक अर्चना वर्मा भी चितई गोलू देवता के दरबार में उनके दर्शन करने के लिए पहुंचीं। उन्होंने बोला किवह इस मंदिर में पहली बार आई हैं। यहां की मान्यता उन्हें यहां खींच लाई है। उन्होंने भी एक अर्जी लिखी है, जिसे उन्होंने मंदिर में लगाया है। परिवार और अपने बेटे को लेकर उन्होंने अर्जी लगाई है। जैसे ही कामना पूरी होगी, तो वह तुरंत इस मंदिर में आएंगी और मान्यताओं के मुताबिक हर रवायत को पूरा करेंगी।
न्याय के देवता हैं गोल्ज्यू
चितई गोलू देवता मंदिर के पुजारी प्रदीप उप्रेती ने बोला कि गोल्ज्यू को इन्साफ का देवता माना जाता है। मंदिर में देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं और गोल्ज्यू ईश्वर से न्याय या कुछ और मांगते हैं। गोलू देवता उनकी इच्छा को पूरा करते हैं। जब लोगों की मन्नत पूरी हो जाती है, तो लोग यहां पर आकर घंटी, प्रसाद, भंडारा आदि मतलब जो भी उनसे बन पाता है, वह करते हैं। नए वर्ष के पहले दिन काफी संख्या में श्रद्धालु यहां आकर गोलू देवता के दर्शन से अपने वर्ष की आरंभ करते हैं।