यहां तैयार की जा रही विश्व की सबसे बड़ी स्टील की रामायण
अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं। 22 जनवरी को गर्भ गृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। इस पल का साक्षी बनने के लिए हर कोई आतुर है। राष्ट्र के भिन्न-भिन्न हिस्सों से प्रभु श्री राम से जुड़ी हुई हर प्रकार की वस्तुएं भेजी जा रही हैं। इसी कड़ी में आगरा शास्त्रीपुरम के श्री कृष्णा ग्रंथालय धरोहर संस्थान ने विश्व की सबसे बड़ी और स्टील से बने “विराट रामायण” को अयोध्या भेजने का फैसला लिया है।
स्टील से बनाए जा रहे इस रामायण का वजन और आकर ही इसकी सबसे बड़ी विशेषता है। इस रामायण का वजन 3000 किलो होगा। वहीं यह 9 फीट लंबा और 5 फीट चौड़ा होगा। स्टील से बनाए जा रहे रामायण का मॉडल बनकर तैयार हो गया है। जो लगभग 100 किलो का है। इस मॉडल रामायण में 14 पेज है। महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण को हिंदी में स्टील के पेजों पर उकेरा गया है। जो कभी खराब नहीं होंगे। इस मॉडल के बाद 3000 किलो वजन की एक और रामायण तैयार की जाएगी जिसका वजन 3000 किलो होगा। 3000 किलो की स्टील से बने रामायण को अयोध्या के राम मंदिर में स्थापित किया जाएगा। जबकि स्टील के मॉडल रामायण को संस्था की तरफ से प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को भेंट किया जाएगा।
क्या है इस रामायण की खासियत?
आगरा में बन रहे इस अनोखे रामायण की इन दिनों खूब चर्चा में है। निर्माताओं का दावा है कि पूरी दुनिया में इतने बड़े साइज और वजन की रामायण अभी तक नहीं बनाई गई है ।दावा किया जा रहा है कि इस रामायण का कुल वजन 3000 किलो है। इस रामायण में 30 से 35 पेज हैं। एक पेज का वजन 100 किलोग्राम है। साथ ही इस रामायण में सेंसर लगाया जाएगा ।स्टील से बनाए जा रहे इस रामायण को राम मंदिर के प्रथम वर्षगांठ पर अयोध्या भेजा जाएगा। इस रामायण को राम मंदिर के बाहर भक्तों के लिए रखा जाएगा।
क्या है संस्था का उद्देश्य?
श्री कृष्णा ग्रंथालय धरोहर संस्थान की अध्यक्ष आराध्या सैनी ने कहा कि 2021 में हमने श्री कृष्णा ग्रंथालय धरोहर संस्थान की स्थापना की। इस संस्थान का उद्देश्य है कि हिंदू धर्म के सभी ग्रंथों का निर्माण स्टील से किया जाए ,ताकि वह हमेशा के लिए सुरक्षित रहें। इसकी आरंभ हमने महर्षि वाल्मीकि के रामायण से की है। अभी अभी हमने तय किया है कि विश्व की सबसे बड़ी और वजन वाली स्टील की रामायण तैयार किया जाए | इसके लिए हमने मॉडल बना दिया है। डेढ़ महीने की लगातार मेहनत के बाद छोटा मॉडल बनकर तैयार हुआ है। जिसका बजन अभी 100 किलो है। इस छोटे मॉडल को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेंट स्वरूप दिया जाएगा।