उत्तर प्रदेश

यूपी लोकसभा चुनाव: पिछले चुनाव में 10 सीटों पर सपा से थे यादव प्रत्याशी

सपा ने इस चुनाव में स्वयं को ओबीसी में केवल यादव जाति की राजनीति के ठप्पे से दूर रखने की प्रयास की है. ऐसा पहली बार हुआ है जबकि अब तक घोषित प्रत्याशियों में पार्टी ने अपने परंपरागत समीकरण एमवाई में एम यानी मुसलमानों को चार सीट और वाई यानी यादवों को भी चार ही सीटें दी हैं. पिछले चुनाव 2019 में बीएसपी से गठबंधन के अनुसार 36 सीटों में ही समाजवादी पार्टी ने 10 यादव प्रत्याशी दिए थे. इसमें से पांच सैफई परिवार से थे जबकि पांच यादव प्रत्याशी ऐसे थे जो परिवार से बाहर के थे. यादव समाज को टिकट देने में सपा ने कोई दरियादिली नहीं दिखाई है, इसका कारण अन्य पिछड़ी जातियों को सकारात्मक मैसेज देना रहा है. जो चार यादव चुनाव मैदान में समाजवादी पार्टी के टिकट पर हैं, वे सभी सैफई से स्व मुलायम सिंह यादव कुनबे के सदस्य हैं.

2019 में समाजवादी पार्टी ने वाराणसी, आजमगढ़, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, कन्नौज, झांसी, फुलपूर और फैजाबाद से यादव बिरादरी से प्रत्याशी उतारे थे. इनमें से आजमगढ़ से अखिलेश यादव और मैनपुरी से मुलायम सिंह यादव ही चुनाव जीतने में सफल हुए थे. इस चुनाव में समाजवादी पार्टी ने कुल पांच सीटें जीती थीं.  इस आमचुनाव की आहट के साथ ही समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने पीडीए का नारा दिया. उन्होंने पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक को लक्ष्य कर अपनी योजनाएं आगे बढ़ाई. टिकट बंटवारे में भी समाजवादी पार्टी ने इस पीडीए को केंद्र में रखा है. पार्टी ने सबसे अधिक प्रत्याशी पिछड़े समाज से उतारे हैं. जिसमें यादव बिरादरी के प्रत्याशियों की कुल संख्या चार है. फिरोजाबाद से अक्षय यादव, मैनपुरी से डिंपल यादव, बदायूं से आदित्य यादव तथा आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है. ये चारों प्रत्याशी मुलायम सिंह यादव के कुनबे से ही हैं.

कन्नौज से भी सैफई कुनबे से ही हो सकता है कोई प्रत्याशी
कन्नौज से भी पार्टी यादव बिरादरी से ही किसी को मैदान में उतारेगी ऐसा बताया जा रहा है. यहां भी सैफई कुनबे का ही कोई सदस्य प्रत्याशी बनेगा. टिकट बंटवारे के रूझानों से समाजवादी पार्टी ने साफ कर दिया है कि उनका लक्ष्य केवल यादव और मुस्लिम नहीं बल्कि ठीक अर्थ में ओबीसी की अन्य सभी जातियां भी हैं. इसके अतिरिक्त दलितों पर भी पार्टी का फोकस अधिक है. समाजवादी पार्टी ने अपने अल्पसंख्यक समीकरण को सधे कदमों से आगे बढ़ाने का काम किया है, प्रयास यह की है कि कहीं से इस वोट में कोई बंटवारा न हो सके.

इंडिया गठबंधन से केवल समाजवादी पार्टी ने ही यादवों को दिया है टिकट
यूपी की 80 सीटों में इण्डिया गठबंधन से समाजवादी पार्टी 62 कांग्रेस पार्टी 17 और तृणमूल कांग्रेस पार्टी को एक सीट मिली है. समाजवादी पार्टी ने अपने खाते की 62 सीटों में से 58 पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. इन सीटों पर टिकट बंटवारे में पार्टी ने अपने पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) के समीकरण को ही आगे बढ़ाया है. कांग्रेस पार्टी ने भी अभी घोषित प्रत्याशियों में उत्तर प्रदेश में एक भी यादव बिरादरी के सदस्य को प्रत्याशी नहीं बनाया है.

एनडीए से निरहुआ ही हैं इकलौते यादव प्रत्याशी
एनडीए की सूची में भी यादव बिरादरी की संख्या नहीं के बराबर है. एकमात्र आजमगढ़ सीट से दिनेश लाल यादव निरहूआ को ही पार्टी ने टिकट दिया है. बीएसपी ने भी केवल बलिया सीट से लल्लन सिंह यादव को प्रत्याशी बनाया है. कुल मिलाकर सभी दलों ने ओबीसी को टिकट देने में गैर यादव ओबीसी जातियां जैसे कुर्मी, कोईरी, निषाद, चौहान, ओबीसी वैश्य आदि जातियों पर अधिक भरोसा जताया है.

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