उत्तर प्रदेश

मौलाना मदनी पर STF ने कसा ये नकेल

दरअसल, हलाल सर्टिफिकेट जारी करने वाली दूसरी अन्य संस्थाओं और हलाल सर्टिफिकेट ट्रस्ट के पदाधिकारी से पूछताछ के बाद एसटीएफ ने निर्णय लेते हुए पूछताछ का नोटिस जारी किया है. हालांकि, इस मुद्दे में जांच के बाद अब तक जो कुछ भी सामने आया है उसके अनुसार गैरकानूनी हलाल सर्टिफिकेट से होने वाली कमाई शेल कंपनियों के जरिए डाइवर्ट किया जाता था.

जिसके बाद STF ने जांच करते हुए हलाल काउंसिल ऑफ इण्डिया (मुंबई) के चार पदाधिकारियों को अरैस्ट किया था. जिनमें मौलाना मुदस्सिर, हबीब यूसुफ पटेल, अनवर खान और मोहम्मद ताहिर के नाम शामिल हैं. ये पूरा मुद्दा साल 2023 के नवंबर में सामने आया था जब 23 नवंबर को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में हलाल सर्टिफिकेट देकर फर्जीवाड़ा करने वालों पर एफआईआर दर्ज करवाई गई थी. जिसके बाद इस मुद्दे की जांच को STF के हाथों में सौंप दिया गया था.

क्या है मामला…?

बता दें कि हलाल काउंसिल ऑफ इण्डिया NABCB (National Accreditation Board For Certification Bodies) या किसी सरकारी संस्था से अधिकृत नहीं है. ऐसे में इनके द्वारा प्रमाण पत्र जारी करने से पहले किसी भी प्रोडक्ट का कोई लैब टेस्ट नहीं होता है. जिसके चलते सिर्फ़ हलाल सर्टिफाइड का लोगो देकर वसूली का काम जारी था.

ये सरीफिकेटे केवल एक्सपोर्ट होने वाली मांसाहारी प्रोडक्ट ही नहीं बल्कि उसके साथ-साथ रेस्टोरेंट में परोसी जाने वाली डिशेज पर भी दिया जाता था. जबकि इस संस्था का डिश बनाने में कोई कंट्रोल नहीं होता है. फिर भी अपने मनमाने ढंग से पैसा लेने के लिए ये हलाल प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे थे.

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