उत्तर प्रदेश

चाहकर भी मुस्लिम कैंडिडेट नहीं दे सकीं मायावती, BSP सुप्रीमो ने बताई वजह, बोलीं…

Mayawati in Muzaffarnagar: करीब सात वर्ष बाद मायावती एक बार फिर से मुजफ्फरनगर में चुनावी रैली को संबोधित करने पहुंची. मायावती ने अपने संबोधन के जरिए सर्वसमाज और भाईचारे का पैगाम देने की प्रयास की. उन्होंने बोला कि बीएसपी न तो जाट समाज और न ही मुसलमान के विरुद्ध है बल्कि सर्वसमाज की पार्टी है. हमारी तमन्ना थी कि इस बार मुसलमान को मुजफ्फनगर से लोकसभा चुनाव लड़ाया जाए, लेकिन मुसलमान इस गवर्नमेंट से इतने डरे हैं कि कोई टिकट के लिए सामने ही नहीं आया. ऐसे में हमें अति पिछड़ा समाज से प्रत्याशी को लड़ाना पड़ा. उन्होंने बीजेपी पर धर्म की आड़ में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न करने का इल्जाम लगाया. उन्होंने बोला कि कांग्रेस पार्टी की तरह बीजेपी भी जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है. मायावती ने बोला कि बीएसपी गवर्नमेंट में जितना गन्ने का रेट किसानों को मिला है आज तक किसी गवर्नमेंट ने नहीं दिया.

बसपा सुप्रीमो मायावती इससे पहले साल 2017 के विधानसभा चुनाव में मुजफ्फरनगर जनपद में जनसभा और रैली की थी. उसके बाद साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव और साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रचार करने नहीं यहां आईं. करीब आधे घंटे के भाषण में मायावती ने कांग्रेस पार्टी और बीजेपी पर जमकर धावा बोलते हुए बोला कि दोनों ही दल जातिवादी मानसिकता के साथ काम किया है.मायावती ने बोला कि विपक्षी दलों के वादों और चुनावी घोषणा पत्र के झांसे में नहीं आना है. बीएसपी कभी चुनावी घोषणा पत्र जारी नहीं करती केवल विकास कार्य करने में विश्वास रखती है. इल्जाम लगाया आरक्षण कोटा पूरी तरह से समाप्त करने की षड्यंत्र की जा रही है. आरक्षण के हिसाब से सरकारी जॉब में भर्ती नहीं हो रही.

हम घोषणापत्र जारी नहीं करते, काम करके दिखाते हैं
सहारनपुर. नागल में पहली चुनावी रैली में बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने बोला हम घोषणा पत्र जारी नहीं करते काम करके दिखाते है. यदि केंद्र में गवर्नमेंट बनती है तो यूपी की तरह राष्ट्र में भी सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की नीति पर गवर्नमेंट चलाएगी और ठोस जमीनी विकास करेंगे. मायावती ने बोला कि वह कहने में नहीं बल्कि करके दिखाने में भरोसा करती है. उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक कार्य करके दिखाया है, हमारी गवर्नमेंट आई तो राष्ट्र में भी करके दिखाएंगे.

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