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यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर कोर्ट में दलीलें रखते हुए बृजभूषण के वकील ने कहा…

नई दिल्ली बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह ने शनिवार को कुछ स्त्री पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर न्यायालय द्वारा पिछली सुनवाई में ओवर साइट कमेटी के संबंध में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में बोला कि ओवर साइट कमेटी पॉश ऐक्ट के अनुसार बनाई गई थी बृजभूषण के वकील ने बोला कि इंटरनल कंप्लेन कमेटी (आईसीसी) ने यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है

कोर्ट में दलीलें रखते हुए बृजभूषण के वकील ने बोला कि ओवर साइट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बीजेपी सांसद के ऊपर कोई इल्जाम नहीं लगाए हैं उन्होंने बोला कि ओवर साइट कमेटी ने पहली दृश्यता में बृजभूषण के विरुद्ध कोई इल्जाम नहीं पाया बृजभूषण के वकील ने कहा, “नियम के मुताबिक, ओवर साइट कमेटी में यदि कोई फाइंडिंग होती है तो 7 दिन के अंदर पुलिस में कम्पलेन करनी होती है, यदि पुलिस में कम्पलेन नहीं की जाती है तो इसका मतलब यह है कि कमेटी ने यह माना है कि यौन उत्पीड़न नहीं हुआ है

बृजभूषण के वकील ने बोला कि ओवर साइट कमेटी को प्रथम दृष्टया में यौन उत्पीड़न का कोई इल्जाम नहीं मिला है और इसीलिए कमेटी की तरफ से कोई कम्पलेन नहीं कि गई और ना ही कमेटी ने पुलिस में कम्पलेन के लिए कोई सुझाव दिया हालांकि, दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण की दलील का विरोध करते हुए बोला कि यदि ओवर साइट कमेटी ने पुलिस में कम्पलेन के लिए रिपोर्ट में कोई सुझाव नहीं दिया है तो इसका यह मतलब नहीं है कमेटी ने आरोपों से बरी कर दिया है दिल्ली की राउज़ एवेन्यु न्यायालय में मुद्दे की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी सुनवाई के दौरान हालांकि, कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह न्यायालय में पेश नहीं हुए उन्हें आज के लिए न्यायालय ने पेशी से छूट दी थी

बृजभूषण के वकील ने दलील पेश करते हुए बोला कि न्यायालय को चार्ज फ्रेम करते समय शिकायतकर्ता की मंशा को भी देखना चाहिए उन्होंने बोला कि हर शिकायतकर्ता स्त्री पहलवान की सहायता के पीछे कोई निजी वजह है बृजभूषण के वकील ने बोला कि शिकायतकर्ताओं की कम्पलेन का समर्थन केवल उनके परिवार के सदस्यों ने किया है न कि वहां पर उपस्थित कोच या किसी आदमी ने

 

बृजभूषण के वकील ने दलीले पेश करते हुए देरी से कम्पलेन करने का मुद्दा भी उठाया उन्होंने बोला कि शिकायतकर्ताओं ने काफी देर से कम्पलेन दर्ज कराई बृजभूषण के वकील ने बोला कि शिकायतकर्ता ने ओवर साइट कमेटी के सामने 2016 की घटना की स्थान टोक्यो बताई, एफआईआर में मंगोलिया, लेकिन हलफनामा में उसी घटना की स्थान को तुर्की का बताया

बृजभूषण के वकील ने कहा, “शिकायतकर्ता ने केवल दिल्ली की घटना का ज़िक्र किया, जिसकी तारीख 16 अक्टूबर 2016 बताई गई है उस दिन बृजभूषण दिल्ली में उपस्थित नहीं थे शिकायतकर्ता ने 17 अक्टूबर 2017 की दिल्ली में घटना का ज़िक्र पहली बार एफआईआर में किया, ओवर साइट कमेटी के सामने इस घटना का कोई जिक्र नहीं किया गया था” दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के वकील की दलील का विरोध करते हुए बोला कि लखनऊ और सोनीपत से दिल्ली आने में ज़्यादा समय नहीं लगता हैं, इसको भी न्यायालय को ध्यान में रखना चहिए

 

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