सिन्धु दर्शन यात्रा समिति की केन्द्रीय आयोजन समिति के राष्ट्रीय सदस्य वासुदेव देवनानी ने सोमवार को यहां विधानसभा में सीएम भजन लाल शर्मा को एक पत्र सौंपकर सिन्धु दर्शन तीर्थ यात्रियों के लिए राजस्थान गवर्नमेंट द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने का आग्रह किया है
समिति के राष्ट्री्य महामंत्री दिलबाग सिंह जसरोटिया और जयपुर अध्यक्ष मुकेश लखियानी भी इस मौके पर उपस्थित थे। देवनानी ने सीएम से सिन्धु दर्शन तीर्थ यात्रियों के लिए अन्य राज्यों की तरह 25 हज़ार रुपए प्रति आदमी को आर्थिक सहायता दिये जाने का आग्रह किया।
देवनानी बोला कि इस यात्रा का आयोजन सन 1997 से लगातार किया जा रहा है। हिंदुस्तान के पूर्व उप पीएम लाल कृष्ण आडवाणी ने इस यात्रा को प्रारम्भ किया था। राजस्थान प्रदेश से हर वर्ष इस यात्रा में लगभग 500 से 1000 तक तीर्थ यात्री शामिल होते है।
समिति के राष्ट्रीय सदस्य देवनानी ने सीएम भजनलाल को कहा कि सिन्धु दर्शन तीर्थ यात्रा लेह लद्दाख से लेकर राष्ट्र के अन्य हिस्सों में राष्ट्रीय एकता और समरसता को बढ़ावा देने वाली जरूरी यात्रा है। लेह-लद्दाख में सिंधु दर्शन महोत्सव पिछले 27 सालों से नियमित रूप से आयोजित किया जा रहा है और इस साल 28वीं सिंधु दर्शन यात्रा 23 जून से 26 जून तक चलेगी।
इस यात्रा का उद्देश्य प्राचीन सिंधु घाटी की हमारी समृद्ध विरासत के बारे में जन जागरूकता लाना है। यह यात्रा पवित्र सिन्धु नदी से गुजरती है. इस नदी के तट पर वेद लिखे गये। यात्रा का मार्ग संवेदनशील सीमा क्षेत्र है. लेह-लद्दाख का राष्ट्र की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अपना महत्व है। इस यात्रा में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी जैसी प्रख्यात हस्तियां शामिल हुई हैं। यात्रा में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्रीगण सहित जनप्रतिनिधिगण भी शामिल होते है।
देवनानी ने कहा कि यह यात्रा विश्व बन्धुत्वम को बढाने वाली तीर्थ यात्रा है। हिंदुस्तान के विभिन्न राज्यों के लोगों के साथ-साथ विश्व के अनेक राष्ट्रों के लोग भी शामिल होते है। गत 27 सालों से समिति लगातार तीर्थ यात्रियों को दर्शन करा रही है।
इस बार 28वीं यात्रा रवाना होगी। देवनानी ने बोला कि राष्ट्र के गुजरात, मध्यप्रदेश सहित विभिन्न राज्यों की सरकारों द्वारा सिन्धु दर्शन तीर्थ यात्रियों को सहायता मौजूद कराई जाती है। हिंदुस्तान में साम्प्रदायिक सौहार्द और एकता के प्रतीक के रूप में यह यात्रा जानी जाती है। यात्रा में बढी संख्या में विदेशी और राष्ट्र के लोग शामिल होते है। यात्रा का मार्ग जम्मू् कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के राज्यों से होकर गुजरता है। यात्रा में 8-10 दिन का समय लगता है।