उद्धव ठाकरे ने स्पीकर राहुल नार्वेकर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती, जानें क्या है मामला
मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) के सियासी गलियारे से मिली बड़ी समाचार के मुताबिक विधानसभा के अध्यक्ष के द्वारा शिंदे गुट को वास्तविक शिवसेना (Shiv Sena) करार देन के निर्णय के बाद से शिवसेना बनाम शिवसेना को लेकर अब सब तरफ गर्म चर्चा जारी है। इधर स्पीकर के इस निर्णय को चुनौती देने के लिए उद्धव ठाकरे गुट (Uddhav Thackeray) उच्चतम न्यायालय में आज यानी मंगलवार को शीघ्र सुनवाई के लिए आवेदन कर सकता है। बता दें कि बीते सोमवार को महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे में स्पीकर राहुल नार्वेकर (Rahul Narvekar) के निर्णय को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।
क्या आज होगी सुनवाई
इधर मुद्दे पर शिवसेना के उद्धव गुट के वकीलों का बोलना है कि वो शीघ्र सुनवाई के लिए CJI की पीठ के समक्ष इस मामले में मेंशन करेंगे। दरअसल सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शिवसेना का एक-दूसरे के विधायकों के विरुद्ध दाखिल अयोग्यता याचिकाओं को स्पीकर राहुल नार्वेकर ने बीते बुधवार 10 जनवरी को खारिज कर दिया था।
इस दौरान नार्वेकर ने बोला था कि शिंदे की शिवसेना ही वास्तविक शिवसेना है। ऐसा इसलिए क्योंकि चुनाव आयोग ने भी ये बात मानी है। ऐसे में अब शिंदे गुट के विधायकों की सदस्यता बरकरार रहेगी। ये निर्णय शिवसेना (यूबीटी) के चीफ उद्धव ठाकरे के लिए बड़ा झटका साबित हुआ था।
शिंदे गुट भी पहुंचा हाईकोर्ट
इधर शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट के हिंदुस्तान गोगावले ने उद्धव ठाकरे गुट के 14 विधायकों को अयोग्य न ठहराने के महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर के निर्णय के विरुद्ध उच्च न्यायालय का रुख किया है। अब उन्होंने अपनी याचिका में बोला कि, ठाकरे गुट के विधायकों ने न सिर्फ़ व्हिप का उल्लंघन किया, बल्कि जून 2022 में पार्टी की टूट के बाद अपनी गलती से शिवसेना की सदस्यता भी छोड़ दी है।
क्या है मामला
दरअसल एकनाथ शिंदे समेत कई विधायकों ने बिएटी जून 2022 में तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे के विरुद्ध बगावत कर दी थी। इसके चलते महाविकास अघाडी (कांग्रेस, अब उद्धव ठाकरे की शिवसेना और अब शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पार्टी ) की गवर्नमेंट औंधे मुंह गिऱ गई थी। फिर शिंदे स्वयं बीजेपी के समर्थन से सीएम बन गए। इसके बाद दोनों गुटों (एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे) ने शिवसेना पर अपना दावा किया तो मुद्दा चुनाव आयोग पहुंचा। जहाँ आयोग ने शिंदे की शिवसेना को ही वास्तविक शिवसेना करार दिया।