पूर्व मंत्री महेश जोशी के घर पर ईडी की टीम द्वारा सर्च ऑपरेशन जारी
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ‘जल जीवन मिशन’ में कथित अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के अनुसार मंगलवार को राजस्थान के पूर्व सीएम महेश जोशी और कई अन्य लोगों के परिसरों की तलाशी ली। पिछले साल, संघीय एजेंसी ने केंद्र गवर्नमेंट के कार्यक्रम से संबंधित मामलों में दो दौर की छापेमारी की थी।
महेश जोशी के घर पर प्रवर्तन निदेशालय की टीम का सर्च ऑपरेशन
आधिकारिक सूत्रों ने बोला कि सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग (पीएचई) विभाग के पूर्व मंत्री जोशी से जुड़े स्थानों की धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के अनुसार तलाशी की जा रही है। राज्य में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने जोशी को जयपुर की हवा महल सीट से चुनाव लड़ने के लिए टिकट देने से इनकार कर दिया था।
कुछ फाइलों को लेकर उनके परिवार के दो सदस्यों से पूछताछ की जा रही है
एजेंसी ने पहले दावा किया था कि कई बिचौलियों और संपत्ति डीलरों ने राजस्थान गवर्नमेंट के पीएचई विभाग के ऑफिसरों को ‘जल जीवन मिशन’ से गैरकानूनी रूप से अर्जित धन को हटाने में सहायता की थी। जांच से पता चला कि ठेकेदार भारतीय रेलवे कंस्ट्रक्शन इंटरनेशनल लिमिटेड (आईआरसीओएन) द्वारा जारी कथित “फर्जी” कार्य समाप्ति प्रमाणपत्रों के आधार पर और पीएचई के वरिष्ठ ऑफिसरों को “रिश्वत” देकर जल जीवन मिशन कार्यों से संबंधित निविदाएं हासिल करने में शामिल थे। इसका इल्जाम विभाग पर लगा।
इन ठिकानों में पूर्व मंत्री महेश जोशी के दो मकान, जलदाय विभाग के दो अधिकारी और जलदाय विभाग के दो ठेकेदार शामिल हैं। फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय की टीम द्वारा महेश जोशी के घर पर सर्च ऑपरेशन जारी है। इसके अतिरिक्त कुछ फाइलों को लेकर महेश जोशी और उनके परिवार के दो सदस्यों से पूछताछ की जा रही है।
जल जीवन मिशन भ्रष्टाचार क्या है?
जल जीवन मिशन में करप्शन के चौंकाने वाले मुद्दे सामने आए हैं। पानी की पाइपलाइन फाइलों में पड़ी मिलीं, लेकिन जमीन पर पूरी लाइन गायब थी। इतना ही नहीं, मौके पर प्लास्टिक के पाइप भी मिले। लोहे की स्थान प्लास्टिक के पाइप मिले, वह भी घटिया क्वालिटी के। जयपुर के तूंगा और अमरसर में चौंकाने वाला करप्शन खुलासा हुआ है। राष्ट्रीय जल जीवन मिशन की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जितनी पाइपलाइनें बिछाई जानी थीं, उनमें से आधी भी मौके पर नहीं मिलीं। इतना ही नहीं लोहे की स्थान प्लास्टिक के पाइप बिछा दिए गए।