मोइत्रा ने सदन के बाहर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा…
नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस पार्टी (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) को ‘पैसे लेकर प्रश्न पूछने’ (Cash For Query) के मुद्दे में शुक्रवार को लोकसभा की आचार समिति (Ethics Committee) की रिपोर्ट के आधार पर ‘अनैतिक एवं अशोभनीय आचरण’ के लिए सदन की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया। इसके तुरंत बाद विपक्षी सांसद संसद परिसर से वॉकआउट कर गए। मोइत्रा ने सदन के बाहर बीजेपी पर निशाना साधते हुए बोला कि एथिक्स कमेटी के पास निष्कासित करने का कोई अधिकार नहीं है। यह बीजेपी के अंत की आरंभ है।
महुआ मोइत्रा ने बीजेपी पर तीखा धावा बोलते हुए कहा, “एथिक्स कमेटी के पास निष्कासित करने का कोई अधिकार नहीं है। यह आपके (बीजेपी) अंत की आरंभ है।” उन्होंने कहा, “मैं 49 वर्ष की हूं और अगले 30 वर्ष तक मैं आपसे संसद के अंदर और बाहर, गटर में और सड़कों पर लड़ूंगी। हम आपका अंत देखेंगे। यह आरंभ है आपके अंत के बारे में। हम वापस आने वाले हैं और हम आपका अंत देखने जा रहे हैं।”
मोइत्रा ने कहा, “अगर इस मोदी गवर्नमेंट ने सोचा कि मुझे चुप कराकर वे अडानी मामले को समाप्त कर देंगे। मैं आपको यह बता दूं कि इस कंगारू न्यायालय ने पूरे हिंदुस्तान को सिर्फ़ यह दिखाया है कि आपने जो जल्दबाजी और मुनासिब प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है। वह दर्शाता है कि अडानी आपके लिए कितना जरूरी है और आप एक स्त्री सांसद को सरेंडर करने से रोकने के लिए उसे किस हद तक परेशान करेंगे।”
महुआ ने बीजेपी पर विपक्षी नेताओं के विरुद्ध कार्रवाई के लिए आचार समिति को हथियार बनाने का इल्जाम लगाते हुए कहा, “इस लोकसभा ने एक संसदीय समिति का शस्त्रीकरण भी देखा है। विडंबना यह है कि आचार समिति की स्थापना सदस्यों के लिए नैतिक गाइड लाइन के रूप में की गई थी। इसके बजाय, आज वही करने के लिए इसका घोर दुरुपयोग किया जा रहा है जो इसे कभी नहीं करना था। जिसका उद्देश्य विपक्ष को कुचलना और हमें ठोकने एक और हथियार बनना है।”
उन्होंने कहा, “निष्कर्ष पूरी तरह से दो निजी नागरिकों की लिखित गवाही पर आधारित हैं जिनके संस्करण भौतिक दृष्टि से एक-दूसरे के विरोधाभासी हैं, जिनमें से किसी से भी मुझे जिरह करने की अनुमति नहीं दी गई थी। दो निजी नागरिकों में से एक मेरा बिछड़ा हुआ साथी है जो दुर्भावनापूर्ण इरादे से समिति के सामने एक आम नागरिक के रूप में पेश हुआ। मुझे फांसी देने के लिए जिन दो गवाहों का इस्तेमाल किया गया है, वे एक-दूसरे के एकदम उल्टा हैं।”