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निजी व्यक्तियों के हितों की रक्षा के लिए राज्य सरकार ने क्यों दायर की याचिका: कोर्ट

कोलकाता उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के ऑफिसरों पर धावा और स्त्रियों के विरुद्ध कथित यौन अत्याचार के मुद्दे की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) से जांच कराने के हाइकोर्ट के आदेश को राज्य गवर्नमेंट ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है सोमवार को मुद्दे की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने राज्य गवर्नमेंट से प्रश्न किया कि संदेशखाली की घटना में कुछ निजी व्यक्तियों के ‘हितों की रक्षा’ के लिए वह याचिकाकर्ता बनकर उसके समक्ष क्यों आयी है यह मुद्दा तो राज्य गवर्नमेंट से नहीं जुड़ा है इस घटना में निजी व्यक्तियोंं के विरुद्ध इल्जाम हैं तो ऐसे मुद्दे के लिए राज्य गवर्नमेंट ने याचिका क्यों दाखिल की है

गौरतलब है कि कलकत्ता हाइकोर्ट ने संदेशखाली में स्त्रियों के विरुद्ध क्राइम और जमीन हड़पने के आरोपों की जांच सीबीआइ से कराये जाने का 10 अप्रैल को निर्देश दिया था इसके विरुद्ध राज्य गवर्नमेंट ने शीर्ष न्यायालय में याचिका दाखिल की सुप्रीम कोर्ट ने इसी याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने बोला कि राज्य को कुछ निजी व्यक्तियों के हितों की रक्षा के लिए याचिकाकर्ता के रूप में क्यों आना चाहिए?

राज्य की ओर से पेश वकील ने बोला कि वह हाई कोर्ट के आदेश में की गयी कुछ टिप्पणियों से व्यथित है अधिवक्ता ने बोला कि इसमें राज्य गवर्नमेंट के बारे में टिप्पणियां की गयी हैं, जो अनुचित हैं, क्योंकि राज्य गवर्नमेंट ने पूरी कार्रवाई की है राज्य गवर्नमेंट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुनवाई की आरंभ में बोला कि इस मुद्दे की सुनवाई कुछ हफ्तों के बाद की जा सकती है, क्योंकि उनके पास कुछ बहुत जरूरी जानकारी है, जिसे वे दाखिल करना चाहते हैं पीठ ने मुद्दे में सुनवाई को जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने सीबीआइ जांच के आदेश पर कोई स्थगनादेश नहीं लगाया है
राज्य गवर्नमेंट ने शीर्ष न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में बोला है कि हाई कोर्ट के 10 अप्रैल, 2024 के आदेश ने पुलिस बल सहित पूरे राज्य तंत्र को हतोत्साहित किया है सीबीआइ संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय के ऑफिसरों पर हमले के मुद्दे की जांच पहले से ही कर रही है और एजेंसी ने पांच जनवरी की घटनाओं से संबंधित तीन प्राथमिकी दर्ज की हैं

 

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