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कान्स फिल्म फेस्टिवल में दिखेगा भारत पर्व का नजारा

77वें कान्स फिल्म फेस्टिवल में हिंदुस्तान पर्व का नजारा देखने को मिलेगा. पूरे विश्व के डायरेक्टर्स, आर्टिस्ट, प्रोड्यूसर्स और अन्य क्षेत्र से आए लोगों के सामने हिंदुस्तान पर्व की एक झलक दिखाई जाएगी. कान्स फिल्म फेस्टिवल 14 से 25 मई तक चलेगा. इसके अतिरिक्त इस बार का कान्स फिल्म फेस्टिवल एक और मायनों में भी खास होने वाला है.फिल्ममेकर पायल कपाड़िया की फिल्म ‘ऑल वी इमेजिन एज लाइट’ को वर्ष 2024 के कान्स फिल्म फेस्टिवल के लिए चुना गया है. पिछले 30 वर्षों के बाद कान्स के इस सेक्शन में पहुंचने वाली यह पहली भारतीय फिल्म होगी. वर्ष 1983 में हुए कान्स फिल्म फेस्टिवल में मृणाल सेन की फिल्म ‘खारिज’ दिखाई गई थी.इसके अतिरिक्त इस बार के कान्स में 55वें इण्डिया इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (IFFI) का ट्रेलर भी दिखाया जाएगा. हिंदुस्तान पर्व के इवेंट के दौरान इसका ट्रेलर रिवील किया जाएगा. इस बार का IFFI 20 से 28 नवंबर तक गोवा में होने वाला है.

कान्स फिल्म फेस्टिवल के बारे में भी पढ़िए
1 से 20 सितंबर 1939 को पहले कान्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का आयोजन हुआ था. इसका मकसद था भिन्न-भिन्न तरह की फिल्मों और सिनेमेटोग्राफी को बढ़ावा देना. कान्स फिल्म फेस्टिवल के प्रारम्भ होने की कहानी बड़ी दिलचस्प है.

1939 में ये जर्मनी के तानाशाह हिटलर की मनमानी के विरुद्ध प्रारम्भ हुआ था. ये वो दौर था जब पूरे विश्व में महज एक वेनिस फिल्म फेस्टिवल हुआ करता था, जिसमें इटली के तानाशाह मुसोलिनी और जर्मनी के तानाशाह एडॉल्फ हिटलर आपस में ही राय कर फिल्मों को अवॉर्ड दे दिया करते थे.फिल्म में एक्टिंग, मेकिंग और कला जैसी चीजों का ध्यान नहीं रखा जाता था. इसी मनमानी के विरुद्ध 1939 में फ्रांस के कान्स शहर में ‘कान्स फिल्म फेस्टिवल’ प्रारम्भ हुआ. आरंभ काफी मुश्किलों भरी रही, लेकिन अब ये दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित फिल्म फेस्टिवल्स में से एक है

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