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कोरोना से सबसे ज्यादा संक्रमण और मौत के मामलों में भारत आया दूसरे स्थान पर

दिसंबर 2019 से प्रारम्भ हुए कोविड-19 संक्रमण के मामलों में एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उछाल देखा जा रहा है, वजह है नया वैरिएंट- JN.1 चीन, सिंगापुर, अमेरिका, हिंदुस्तान सहित ये नया वैरिएंट अब तक करीब 41 राष्ट्रों में देखा जा चुका है ओमिक्रॉन BA.2.86 वैरिएंट में हुए म्यूटेशन से उत्पन्न कोविड-19 का ये नया सब-वैरिएंट अत्यधिक संक्रामकता वाला कहा जाता है

अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि इससे संक्रमण की स्थिति में भले ही अधिकांश लोगों में हल्के लक्षण देखे जा रहे हैं पर किसी जनसंख्या में ये तेजी से प्रसार का कारण बन सकता है हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार सिंगापुर और अमेरिका में इस नए वैरिएंट के कारण कोविड-19 की एक और संभावित लहर को लेकर जानकारों ने अलर्ट जारी किया है

कोरोना महामारी को अब तक चार वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है पर ये रोग अब भी थमने का नाम नहीं ले रही है वर्ष 2023 में संक्रमण के कम होते जोखिमों को देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने मई के महीने में कोविड-19 को ‘वैश्विक स्वास्थ्य जोखिम’ की सूचि से बाहर कर दिया था, हालांकि नए वैरिएंट के कारण होने वाली समस्याओं को देखते हुए स्वास्थ्य जानकार एक बार फिर से सभी लोगों को सावधान रहने की अपील कर रहे हैं

संक्रमण और मृत्यु के मामलों में हिंदुस्तान दूसरे जगह पर

महामारी के आंकड़ों पर नजर डालें तो कोविड-19 के कारण वैश्विक संक्रमण और मृत्यु के मामलों में हिंदुस्तान अब भी दूसरे जगह पर है यूएसए में सबसे अधिक संक्रमण और मृत्यु के मुद्दे दर्ज किए गए हैं आंकड़ों से पता चलता है कि यूएसए में अब तक (12 जनवरी 2024) कोरोनावायरस से 110,462,560 लोग संक्रमण के शिकार हो चुके हैं, वहीं मृतकों की संख्या 1,191,815 है वहीं दूसरे जगह पर हिंदुस्तान में अब तक कोविड-19 के कुल 45,020,333 मुद्दे रिपोर्ट किए गए और यहां मरने वालों की आधिकारिक संख्या 533,409 है

नए वैरिएंट JN.1 ने बढ़ाई फिर से चिंता

साल 2023 में हिंदुस्तान में कोविड-19 की रफ्तार काफी नियंत्रित रही, हालांकि नवंबर-दिसंबर में राष्ट्र में कोविड-19 के नए JN.1 वैरिएंट के कारण वर्ष समाप्त होते-होते कई राज्यों में संक्रमण के मामलों में भारी उछाल दर्ज किया गया हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार करीब 12 राज्यों में  JN.1 वैरिएंट से 11 जनवरी तक 827 संक्रमितों की पुष्टि की जा चुकी है

विशेषज्ञों के मुताबिक JN.1 की प्रकृति काफी संक्रामक है और ये शरीर में बनी प्रतिरक्षा को सरलता से चकमा देकर लोगों में संक्रमण बढ़ाने का कारण बन सकता है इसी को ध्यान मे रखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (वीओआई) के रूप में वर्गीकृत किया गया है

डेल्टा वैरिएंट से दर्ज की गई सबसे अधिक मौतें

भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर को अब तक का सबसे खतरनाक माना जाता रहा है, इसमें मुख्यरूप से कोविड-19 के डेल्टा वैरिएंट का असर देखा गया

अल्फा-बीटा वैरिएंट की पहली लहर के बाद नवंबर 2020 से फरवरी 2021 के बीच  मामलों में थोड़ी गिरावट आई हालांकि इसके बाद वर्ष 2021 में डेल्टा वैरिएंट के कारण आई लहर ने स्वास्थ्य सेवाओं को सबसे अधिक प्रभावित किया डेल्टा वैरिएंट से संक्रमण के कारण सांस की समस्या, आईसीयू-वेंटिलेटर की सबसे अधिक आवश्यकता महसूस की गई अप्रैल से जुलाई तक की चार महीने की अवधि में बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु हुई पूरे विश्व में डेल्टा वैरिएंट ने मुश्किलें बढ़ाईं

साल 2022 से जारी है ओमिक्रॉन का खतरा

डेल्टा के बाद गामा और फिर ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण राष्ट्र में कोविड-19 के मामलों में लगातार उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है पिछले दो वर्ष से राष्ट्र में ओमिक्रॉन और इसके कई म्यूटेशन से उत्पन्न सब-वैरिएंट्स समय-समय पर स्वास्थ्य जोखिमों को बढ़ाते हुए देखे गए हैं इन दिनों बढ़ रहे कोविड-19 के संक्रमण के लिए उत्तरदायी माना जाने वाला JN.1 भी ओमिक्रॉन के ही एक अन्य वैरिएंट BA.2.86 का रूप है

स्वास्थ्य जानकार कहते हैं, ओमिक्रॉन वैरिएंट की प्रकृति डेल्टा जैसी गंभीर रोगकारक नहीं है, पर इसके सब-वैरिएंट्स तेजी से किसी जनसंख्या में संक्रमण बढ़ाने वाले जरूर हो सकते हैं, जिसको लेकर सभी लोगों को सावधानी बरतते रहने की जरूरत है

स्रोत और संदर्भ

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