इंडियन ऑर्मी की प्रमोशन पॉलिसी में बदलाव, मेरिट के साथ फिजिकल फिटनेस पर भी दिया जाएगा ध्यान
इंडियन ऑर्मी, दुनिया की पेशेवर सेनाओं में से एक है। करीब 12 लाख वाली फौज में करीब 80 लेफ्टीनेंट जनरल, 300 मेजर जनरल, 1200 ब्रिगेडियर, 5600 कर्नल के अतिरिक्त 43 हजार बड़े स्तर के अधिकारी हैं। इन ऑफिसरों के प्रमोशन के संबंध नें एक नयी पॉलिसी पर काम किया गया जो 1 जनवरी 2024 से लागू की जाने वाली है। इस समग्र प्रमोशन पॉलिसी में ऑफिसरों की मेरिट के साथ साथ उनके फिजिकल फिटनेस पर भी अब ध्यान दिया जाएगा।
प्रमोशन पॉलिसी में बदलाव
टाइम्स ऑफ इण्डिया की रिपोर्ट के अनुसार घरेलू और बाहरी चुनौतियों के स्वरूप में जिस तरह का परिवर्तन आया है। उसे देखते हुए ऑफिसरों की प्रमोशन नीति में परिवर्तन की आवश्यकता महसूस हो रही थी। सेना के एक बड़े स्तर के अधिकारी का मानना है कि अभी तक जो प्रमोशन पॉलिसी अमल में लायी जा रही है वो समय के हिसाब से खरी उतरी है। हालांकि समय के साथ परिवर्तन करना महत्वपूर्ण भी है। न्यू प्रमोशन पॉलिसी का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि हम घरेलू और बाहरी चुनौतियों का सामना करने में और मजबूत होंगे।
अब सर्विस कोर से जुड़े ऑफिसरों को भी मौका
सेना में कई कंबाट ऑर्म्स जैसे इंफैंट्री, आर्मर्ड कॉर्प्स, मेकनाइज्ज इंफैंट्री हैं। इसके साथ ही कंबाट सपोर्ट आर्म्स में ऑर्टिलरी, एयर डिफेंस, इंजीनियर्स एंड सिग्नल सर्विस है जैसे आर्मी सर्विस कॉर्प्स, आर्मी आर्डनेंस कॉर्प्स, और कॉर्प्स ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मेकेनिकल इंजीनियर्स है। अब न्यू प्रमोशन पॉलिसी से सभी आर्म्स और सर्विस से जुड़े ऑफिसरों को कैडर चेंज का भी मौका मिल सकेगा। इस तरह से सेना के सभी सेक्शन में शामिल ऑफिसरों को बराबर का मौका मिलेगा ताकि वो अपनी क्षमता के हिसाब से उच्च कैडर में प्रमोट हो सकें।
हर हालात में शारीरिक तौर फिट अधिकारी कर्नल और ब्रिगेडियर रैंक तक पहुंचने का मौका पाते हैं। अब युद्ध के मैदान में घायल या किसी ऑपरेशन के दौरान चोटिल ऑफिसरों को भी प्रमोशन का मौका मिलेगा। अगस्त के महीने में सेना ने भिन्न भिन्न कैडर में सेवा दे रहे ब्रिगेडियर, मेजर जनरल्स, लेफ्टीनेंट जनरल के लिए कॉमन यूनिफॉर्म को अमल में लाया था। अब न्यू प्रमोशन पॉलिसी उस दिशा में एक बड़ा कदम है। जानकार बताते हैं कि कैडर को लेकर कंबाट और सपोर्ट सर्विस में अंतर को समाप्त करने के लिए यह कदम अच्छा होगा। सर्विस कोर से जुड़े ऑफिसरों की कम्पलेन रही है कि कहीं न कहीं वो कंबाट कॉर्प्स की तुलना में उनके सहयोग को कमतर आंका जाता रहा है।