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केंद्र सरकार ने ‘साइबर कमांडो’ की एक विंग स्थापित करने का किया फैसला

नई दिल्लीः तेजी से बढ़ते साइबर अपराध को ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी की पहल पर केंद्रीय गृह मंत्रालय बड़ा कदम उठाने जा रहा है हिंदुस्तान साइबर खतरों के अगले स्तर से निपटने के लिए कमर कस रहा है और इसके लिए केंद्र गवर्नमेंट ने ‘साइबर कमांडो’ की एक विंग स्थापित करने का निर्णय किया है इस विंग में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बलों के साथ-साथ केंद्रीय पुलिस संगठनों से जवानों को शामिल किया जाएगा इसके लिए पत्र लिखकर गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सभी पुलिस बलों से 10 उपयुक्त ‘साइबर कमांडो’ की पहचान करने को बोला है

पीएम मोदी ने की थी साइबर विंग की सिफारिश
साइबर कमांडो विंग का विचार इस वर्ष की आरंभ में आया था, जब पीएम मोदी ने डीजीपी/आईजी सम्मेलन के दौरान इसकी स्थापना की सिफारिश की थी News18 द्वारा देखे गए MHA पत्र में बोला गया है कि विशेष नयी विंग साइबर सुरक्षा के खतरों का मुकाबला करेगी इंफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी की रक्षा करेगी और साइबर स्पेस में जांच करेगी

गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को लिखा पत्र
गृह मंत्रालय द्वारा लिए गए पत्र में बोला गया है, “जनवरी, 2023 के महीने में आयोजित डीजीपी/आईजीपी सम्मेलन के दौरान, प्रधान मंत्री ने सिफारिश की थी कि साइबर सुरक्षा के खतरों का मुकाबला करने, सूचना प्रौद्योगिकी नेटवर्क की रक्षा करने, जांच करने के लिए उपयुक्त रूप से प्रशिक्षित ‘साइबर कमांडो’ की एक विशेष विंग स्थापित की जानी चाहिए, जिसका साइबर स्पेस और पुलिस और सरकारी संगठनों की साइबर सुरक्षा आवश्यकताओं का ‘निरंतर आधार’ पर ध्यान रखना काम होगा

विंग के कमांडों आईटी सुरक्षा और डिजिटल फॉरेंसिंक के होंगे जानकार
प्रस्ताव के मुताबिक, साइबर कमांडो विंग पुलिस संगठनों का अभिन्न अंग होगा इसमें ऐसे कमांडो होंगे जो आईटी सुरक्षा और डिजिटल फोरेंसिक के क्षेत्र में जानकार होंगे और उनमें योग्यता होगी प्रस्तावित साइबर कमांडो विंग पुलिस संगठन का एक अभिन्न अंग होगा इसका संचालन राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्रीय पुलिस संगठनों/सीएपीएफ से लिए गए उपयुक्त रूप से प्रशिक्षित और सुसज्जित सेवारत पुलिस कर्मियों द्वारा किया जाएगा यदि जरूरी समझा जाए तो उनके प्रयासों को किराए के पेशेवरों द्वारा पूरक किया जा सकता है

साइबर कमांडों को दी जाएगी ट्रेनिंग
गृह मंत्रालय के पत्र में बोला गया है, ‘साइबर कमांडो’ को आईटी सुरक्षा और डिजिटल फोरेंसिक के क्षेत्र में उनके मौजूदा ज्ञान और योग्यता के आधार पर सभी रैंक के सेवारत कर्मियों में से चुना जाएगा और एक विशेष रूप से डिजाइन किए गए आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम से गुजरना होगा चुने गए कमांडो को प्रशिक्षण प्राप्त होगा और साइबर खतरों से निपटने और उनका मुकाबला करने में सहायता करने के लिए जरूरी प्रणालियों से लैस किया जाएगा वे राष्ट्र के साइबर बुनियादी ढांचे के लिए भी उत्तरदायी होंगे

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