कैप्टन अजय यादव : भारत में,ओबीसी आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, उन्हें…
चंडीगढ़। प्रदेश कांग्रेस पार्टी कमेटी के ओबीसी विभाग ने शहर में ओबीसी की समस्याओं को उठाने और चंडीगढ़ में सियासी परिदृश्य पर चर्चा करने के लिए आज राजीव गांधी कांग्रेस पार्टी भवन सेक्टर 35 चंडीगढ़ में एक कार्यक्रम किया।
इस अवसर पर नेशनल कांग्रेस पार्टी पार्टी के ओबीसी विभाग के अध्यक्ष कैप्टन अजय यादव ने बोला हिंदुस्तान में, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) जनसंख्या का एक जरूरी हिस्सा है, उन्हें हाशिए पर रखा गया है और सामाजिक रूप से वंचित किया गया है। हालाँकि भारतीय संविधान इन समुदायों के उत्थान के लिए सकारात्मक कार्रवाई की जरूरत को पहचानता है। इसलिए उन्हें शिक्षा, सरकारी नौकरियों और विधायी निकायों में आरक्षण प्रदान करता है। हालाँकि, इन नीतियों के कार्यान्वयन को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिससे ओबीसी अधिकारों का उत्पीड़न हुआ है।
एचएस लक्की अध्यक्ष चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस पार्टी ने कहाकि अन्याय को दूर करने के इरादे के बावजूद, कुछ मामलों में, ओबीसी को फायदा नहीं मिल रहा है। कुछ विशेषाधिकार प्राप्त समूहों द्वारा अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया गया है, जिसमें वास्तव में जरूरतमंदों को हानि हुआ है। राहुल गांधी द्वारा जाति जनगणना कराने की हालिया मांग से उनके साथ होने वाला अन्याय दूर हो जाएगा।
इसके अलावा, पार्टियों के सियासी विचार अक्सर ओबीसी के लिए निर्धारित संसाधनों और अवसरों के आवंटन को प्रभावित करते हैं, जिससे करप्शन और पक्षपात होता है। परिणामस्वरूप, ओबीसी का इच्छित सशक्तिकरण कमज़ोर हो गया है, जिससे सामाजिक और आर्थिक असमानताएँ बढ़ गई हैं।
इसके अलावा, ऐसे उदाहरण भी हैं जहां ओबीसी समुदायों को भेदभाव और अत्याचार का सामना करना पड़ता है, जिससे उनकी सामाजिक-आर्थिक प्रगति में बाधा आती है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल तक सीमित पहुंच इन समुदायों के भीतर गरीबी के चक्र को कायम रखती है, जिससे इनके हानि को बढ़ावा मिलता है।
जतिंदर यादव ने बोला ओबीसी अधिकारों के उत्पीड़न को रोकने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण की जरूरत है, जिसमें पारदर्शी नीतियां, कारगर कार्यान्वयन और सामाजिक जागरूकता शामिल हो। एक समावेशी और न्यायसंगत समाज को बढ़ावा देकर, हिंदुस्तान सभी के लिए इन्साफ और समानता की कानूनी दृष्टि को साकार करने का कोशिश कर सकता है। मौजूद अन्य लोगों में पार्टी के उपाध्यक्ष भूपिंदर बडेरी, राजू पल्सोरा, जसविंदर लकी और तारा देवी शामिल थे।