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जनता भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक के अंत में कैबिनेट मंत्री जयंत मल्ला बरुआ ने किया बड़ा फैसला

Himanta Biswa Sharma cabinet decision: असम की हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sharma ) कैबिनेट ने असम के पांच स्वदेशी मुसलमान समुदायों गोरिया, मोरिया, देशी, सैयद और जोल्हा के सामाजिक-आर्थिक मूल्यांकन (Socio economic assessment ) की प्रक्रिया प्रारम्भ कराने का निर्णय किया है जनता भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक के अंत में कैबिनेट मंत्री जयंत मल्ला बरुआ (Jayanta Malla Barua) ने बोला कि कैबिनेट ने चार क्षेत्र विकास निदेशालय, असम का नाम बदलकर अल्पसंख्यक मुद्दे और चार क्षेत्र, असम निदेशालय करने का निर्णय किया है

क्यों लिया गया फैसला?

इस समीक्षा के निष्कर्ष मूल जनजातीय अल्पसंख्यकों के व्यापक सामाजिक-राजनीतिक और शैक्षणिक उत्थान के उद्देश्य से उपयुक्त कदम उठाने के लिए राज्य गवर्नमेंट का मार्गदर्शन करेंगे यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब कुछ महीने पहले ही बिहार की नीतीश कुमार की प्रतिनिधित्व वाली गवर्नमेंट ने जाति आधारित गणना के आंकड़े जारी किए इन आंकड़ों के मुताबिक राज्य की कुल जनसंख्या में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) की हिस्सेदारी 63 फीसदी है

बिहार में जातिगत जनगणना के आंकड़े आते ही असम की गवर्नमेंट ने इन मुस्लिमों को लेकर ऐसा सर्वेक्षण करवाने की बात कही थी चंद हफ्तों में ही असम कैबिनेट ने इसकी स्वीकृति दे दी है

बिहू के दौरान पारंपिक भैसों की लड़ाई को मिली मंजूरी

असम और ऊपरी असम के विभिन्न हिस्सों में पारंपरिक भैंसों की लड़ाई पर जो रोक लगी थी उस विषय पर मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा, ‘हाल ही में न्यायालय द्वारा इस संबंध में प्रतिबंध हटाए जाने के बाद, कैबिनेट ने असम के विभिन्न हिस्सों में पारंपरिक भैंसों की लड़ाई को फिर से प्रारम्भ करने को स्वीकृति दे दी है जिसके अनुसार अहतगुरी, मोरीगांव जिले, नागांव जिले या असम के किसी अन्य हिस्से में माघ बिहू के दौरान पारंपरिक भैंस और बैल की लड़ाई आयोजित करने पर अब कोई रोक नहीं होगी

वहीं असम में पंचायतों और नगर पालिकाओं में डिजिटल लाइब्रेरी के निर्माण के लिए 259 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं इस योजना का उद्देश्य नए पुस्तकालयों का निर्माण और खरीद प्रारम्भ करना है इस निर्णय से 2197 ग्राम पंचायतों और 400 नगरपालिका वार्डों में कनेक्टिविटी बढ़ेगी

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