राष्ट्रीय

नहीं है वोटर ID मगर लिस्ट में है नाम, तो ऐसे करें मतदान

उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने कहा कि हिंदुस्तान निर्वाचन आयोग द्वारा लिये गये फैसला के मुताबिक लोक सभा सामान्य निर्वाचन, 2024 तथा 136-ददरौल, 173-लखनऊ पूर्व, 292-गैंसड़ी एवं 403-दुद्धी(अ0ज0जा0) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के उप निर्वाचन हेतु मतदाता फोटो आईडी प्रूफ के विकल्प के संबंध में प्रतिरूपण को रोकने की दृष्टि से मतदान के समय मतदाता को अपनी पहचान सिद्ध करने के लिए अपना मतदाता फोटो आईडी प्रूफ प्रस्तुत करना होगा. ऐसे मतदाता जो अपना मतदाता फोटो आईडी प्रूफ प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं, उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने के लिए 12 वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेजों में से कोई एक प्रस्तुत करना होगा. इस सम्बन्ध में सभी जिला निर्वाचन ऑफिसरों को जरूरी गाइड लाइन दिये जा चुके है.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि आधार कार्ड, मनरेगा नौकरी कार्ड, बैंको/डाकघरों द्वारा जारी किए गए फोटोयुक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय की योजना के अन्तर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेन्स, पैन कार्ड, एनपीआर के अन्तर्गत आरजीआई द्वारा जारी किये गये स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, केन्द्र/राज्य सरकार/लोक उपक्रम/पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, सांसदों/विधायकों/विधान परिषद सदस्यों को जारी किये गये सरकारी आईडी प्रूफ और यूनिक डिसएबिलिटी आईडी (यूडीआईडी) कार्ड, सामाजिक इन्साफ एवं अधिकारिता मंत्रालय, हिंदुस्तान गवर्नमेंट वैकल्पिक फोटो पहचान डॉक्यूमेंट्स हैं.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि एपिक में प्रविष्टियों की हल्की विसंगतियों को नजर अंदाज कर देना चाहिये, बशर्ते मतदाता की पहचान एपिक द्वारा सुनिश्चित की जा सके. यदि कोई मतदाता फोटो आईडी प्रूफ प्रदर्शित करता है, जो कि किसी अन्य विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा जारी किया गया है, ऐसे एपिक भी पहचान स्थापित करने हेतु स्वीकृत किये जायेंगे, बशर्ते निर्वाचक का नाम, जहां वह मतदान करने आया है, उस मतदेय स्थल से संबंधित निर्वाचक नामावली में मौजूद होना चाहिए. फोटोग्राफ इत्यादि के बेमेल होने के कारण मतदाता की पहचान सुनिश्चित करना सम्भव न हो, तब मतदाता को 12 वैकल्पिक फोटो डॉक्यूमेंट्स को प्रस्तुत करना होगा.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि उपरोक्त किसी भी बात के होते हुये भी प्रवासी निर्वाचक, जो अपने पासपोर्ट में विवरणों के आधार पर लोक अगुवाई अधिनियम, 1950 की धारा 20क के अधीन निर्वाचक नामावलियों में दर्ज़ हैं, उन्हें मतदान केन्द्र में उनके सिर्फ़ मूल पासपोर्ट (तथा किसी अन्य पहचान डॉक्यूमेंट्स के आधार पर नहीं) के आधार पर ही पहचाना जायेगा.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि हिंदुस्तान निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाताओं की सुविधा हेतु मतदाता सूचना पर्ची बी0एल0ओ0 के माध्यम से मतदान तिथि से कम से कम 05 दिन पूर्व वितरित करने के निर्देश दिये गये हैं. मतदाता सूचना पर्ची पर मतदेय स्थल, मतदान का दिनांक और समय आदि का उल्लेख रहता है. मतदाता सूचना पर्ची को मतदाता के पहचान डॉक्यूमेंट्स के रूप में नहीं माना जायेगा. मतदाता को अपनी पहचान सिद्ध करने के लिए मतदाता सूचना पर्ची के साथ वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेजों में से कोई 01 साथ लाना जरूरी होगा

Related Articles

Back to top button