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जम्मू-कश्मीर देश के पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू की दो गलतियों से हुआ प्रभावित : अमित शाह

लाइव हिंदी समाचार :- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बोला कि पाक द्वारा कश्मीर के एक हिस्से पर कब्जे के लिए राष्ट्र के पहले पीएम नेहरू उत्तरदायी थे और कांग्रेस पार्टी समेत विपक्षी दलों ने इसकी कड़ी आलोचना की है

अमित शाह ने की नेहरू की आलोचना: दो विधेयक अर्थात् जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 कल लोकसभा में पेश किए गए सदन में बहस के बाद बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ”जम्मू-कश्मीर राष्ट्र के पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू की दो गलतियों से प्रभावित हुआ है पहली गलती थी हिंदुस्तान द्वारा एक समय में युद्धविराम की घोषणा करना” जब हमारी सेना पाक के साथ युद्ध में जीत की कगार पर थी 3 दिनों के युद्ध के बाद, “यदि युद्धविराम घोषित किया गया होता, तो पाक अधिकृत कश्मीर आज हिंदुस्तान का हिस्सा होता दूसरी बात, पूर्व प्रधान मंत्री नेहरू ने आंतरिक संयुक्त देश के लिए मुद्दा ये दोनों बड़ी ऐतिहासिक गलतियाँ हैं हम 2026 तक पाक के कब्जे वाले कश्मीर को जीत लेंगे, “उन्होंने कहा

कांग्रेस ने की अमित शाह की निंदा: कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने अमित शाह के भाषण की कड़ी आलोचना की है कांग्रेस पार्टी सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इस संबंध में पोस्ट किया, ”इस मामले पर पूरे दिन सदन में चर्चा होनी चाहिए ये कोई छोटी बात नहीं है केवल अमित शाह के लिए नहीं जो इतिहास जानते हैं; यह चर्चा दूसरों के लिए भी होनी चाहिए तभी राष्ट्र की जनता को सच्चाई पता चलेगी जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष कानून 2019 में खारिज कर दिया गया था केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहले ही कह चुके हैं कि अधिकृत कश्मीर को वापस लिया जाएगा मोदी पिछले 10 वर्ष से सत्ता में हैं उनसे पहले अटल बिहारी वाजपेयी 6 वर्ष तक पीएम रहे थे उन्हें किसने रोका? 2024 के चुनाव से पहले अधिकृत कश्मीर वापस लें आपको राष्ट्र का पूरा वोट मिलेगा’’

कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश की ओर से जारी बयान में बोला गया है, ”गृह मंत्री अमित शाह ने 1947 और 1948 में जम्मू और कश्मीर में नेहरू की किरदार के बारे में लोकसभा में जानबूझकर भड़काऊ झूठे बयान दिए हैं डाक्टर फारूक अब्दुल्ला ने तुरंत इसकी आलोचना करते हुए इसे फर्जी इतिहास शिक्षक बताया ये कांग्रेस पार्टी और हिंदुस्तान के बारे में तथ्यों को विकृत करने की रणनीति है इस मुद्दे में मैं अमित शाह के जाल में नहीं फंसूंगा अमित शाह को चन्द्रशेखर दासगुप्ता की उत्कृष्ट पुस्तक ‘वॉर एंड डिप्लोमेसी इन कश्मीर’ पढ़नी चाहिए

उन्होंने कहा, “यह एक पुस्तक है जो कश्मीर के बारे में कई मिथकों को खुलासा करती है” राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा और शिवसेना (उद्धव ठाकरे विंग) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी अमित शाह की टिप्पणियों की आलोचना की है इस बीच महाराष्ट्र की निर्दलीय सांसद नवनीत कौर और यूनाइटेड जनता दल के सांसद सुनील कुमार बिंदु ने अमित शाह के भाषण का समर्थन किया है

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