राष्ट्रीय

हलवा समारोह के बाद बढ़ी अंतरिम बजट को लेकर गहमागहमी

सीतारमण वित्त साल 2024-25 का अंतरिम बजट एक फरवरी को पेश करेंगी यह आम चुनाव से पहले पेश उनका छठा बजट है पिछले तीन पूर्ण की तरह, अंतरिम बजट भी कागज रहित डिजिटल रूप में होगा बजट को आखिरी रुप देने से पहले आयोजित होने वाले पारंपरिक हलवा कार्यक्रम का आयोजन बुधवार को किया गया था इसके बाद से बजट को लेकर गहमागहमी काफी बढ़ गयी है बजट आर्थिक सहायता मांगें, वित्त विधेयक आदि सहित केंद्रीय बजट के सभी डॉक्यूमेंट्स ‘केंद्रीय बजट मोबाइल ऐप’ पर मौजूद होंगे यह दो भाषाओं (अंग्रेजी और हिंदी) में हैं और एंड्रॉयड और आईओएस दोनों मंचों पर मौजूद होगा ऐप को केन्द्रीय बजट वेब पोर्टल से भी डाउनलोड किया जा सकता है बजट डॉक्यूमेंट्स एक फरवरी, 2024 को संसद में केन्द्रीय वित्त मंत्री का बजट भाषण पूरा होने के बाद मोबाइल ऐप पर मौजूद होंगे बजट के आने से पहले जानते हैं पिछले बजट की पांच मुख्य बातें:

इनकम टैक्स: पुरानी कर प्रबंध में कोई परिवर्तन नहीं किया गया हालांकि, वित्त मंत्री ने नयी प्रणाली के अनुसार टैक्स स्लैब में संशोधन किया उसके अनुसार, नयी प्रबंध के अनुसार मूल छूट सीमा ₹2.5 लाख से बढ़ाकर ₹3 लाख कर दी गई, जबकि कर छूट ₹2 लाख से बढ़ाकर ₹7 लाख कर दी गई साथ ही, पुरानी प्रबंध के अनुसार मौजूद ₹50,000 की मानक कटौती को नयी प्रबंध में भी बढ़ा दिया गया था इसके अतिरिक्त, नयी प्रबंध को डिफॉल्ट कर प्रणाली बना दिया गया

कैपेक्स बढ़ोतरी: लगातार तीसरे वर्ष, पूंजी निवेश परिव्यय को एक बड़ा धक्का मिला इसे 33% बढ़ाकर ₹10 लाख करोड़ कर दिया गया कुल पूंजी निवेश परिव्यय सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 3.3% था

स्वास्थ्य और शिक्षा: इस क्षेत्र को ₹89,155 करोड़ आवंटित किए गए एफएम सीतारमण ने 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को समाप्त करने के लिए एक मिशन की भी घोषणा की उन्होंने आगे बोला कि 157 नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे, ये 2014 के बाद से स्थापित 157 मेडिकल कॉलेजों के अतिरिक्त होंगे, जब वर्तमान गवर्नमेंट पहली बार सत्ता में आई थी

पीएम आवास योजना: पीएम आवास योजना (PMAY) के लिए परिव्यय 65% बढ़ाकर ₹79,000 करोड़ कर दिया गया पिछले बजट में यह आवंटन 48,000 करोड़ रुपये था

कृषि: ग्रामीण क्षेत्रों में युवा उद्यमियों द्वारा स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि त्वरक कोष की घोषणा की गई इसके अलावा, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान केंद्रित करते हुए कृषि कर्ज लक्ष्य को बढ़ाकर ₹ 20 लाख करोड़ कर दिया गया मछुआरों, मछली विक्रेताओं और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों) की गतिविधियों को और सक्षम करने के लिए ₹6,000 करोड़ के लक्षित निवेश के साथ प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) के अनुसार एक नयी उप-योजना का भी अनावरण किया गया

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