राष्ट्रीय

लू एवं गर्मी जनित बीमारियों से बचाव के लिए लागू किया जाएगा ग्रेडेड रिस्पॉन्स सिस्टम

जयपुर,. प्रदेश में लू एवं गर्मी जनित रोंगों से बचाव के लिए ग्रेडेड रिस्पॉन्स सिस्टम लागू किया जाएगा. साथ ही, राज्य, जिला एवं ब्लॉक स्तर पर हीट एक्शन प्लान बनाकर आमजन को लू एवं गर्मी जनित रोंगों से बचाव के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे. प्रदेश के रेगिस्तानी जिलों, जहां तापमान अधिक रहता है एवं लू अधिक चलती है, वहां विशेष व्यवस्था सुनिश्चित किए जाएंगे. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने शनिवार को स्वास्थ्य भवन में लू एवं गर्मी जनित रोंगों से बचाव, इलाज एवं जागरूकता गतिविधियों को लेकर आयोजित राज्य स्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंस में इस संबंध में निर्देश दिए. उन्होंने विभागीय ऑफिसरों को निर्देश दिए कि गर्मी की तीव्रता बढ़ने पर आनें वाले दो से तीन माह चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं, ऐसे में विभाग हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहे. उन्होंने बोला कि गर्मी एवं लू का स्तर बढ़ने पर यलो, ओरेंज एवं रेड अलर्ट के मुताबिक ग्रेडेड सिस्टम तैयार कर जरूरी कदम उठाए जाएं.


घातक स्थितियों में न्यूनतम हो रिस्पॉन्स टाइम
सिंह ने बोला कि आमजन को लू एवं गर्मी जनित रोंगों की स्थिति में तुरन्त इलाज एवं अन्य स्वास्थ्य सेवाएं मौजूद करवाने के लिए ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल तैयार किया जाए. एम्बलुेंस की क्रियाशीलता की जांच करने के साथ ही प्राथमिक इलाज के लिए किट्स तैयार करवाई जाएं. अस्पतालों में डेडीकेटेड वार्ड बनाए जाएं. दवाओं एवं जांच किट्स की पर्याप्त उपलब्धता रहे. चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ सहित निचले स्तर तक जरूरी प्रशिक्षण दिया जाए. हीट स्ट्रोक एवं अन्य खतरनाक स्थितियों में बीमार को तुरन्त इलाज की जरूरत होती है. ऐसे में यह सुनिश्चित किया जाए कि हमारा रिस्पॉन्स टाइम न्यूनतम हो.

संबंधित विभागों से समन्वय कर जमीनी स्तर तक हो पुख्ता प्रबंध
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बोला कि लू एवं तेज गर्मी की स्थिति में आमजन को रोंगों से बचाने के लिए श्रम विभाग, कृषि विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज, क्षेत्रीय निकाय विभाग, शिक्षा विभाग सहित विभिन्न विभागों का योगदान अपेक्षित रहता है. इसके लिए संबंधित विभागों के साथ समन्वय रखते हुए कार्य योजना बनाई जाए. सभी संबंधित विभागों के साथ बैठक कर एक्शन प्लान को जमीनी स्तर पर लागू किया जाए.

अस्पतालों में छाया-पानी के हो माकूल इंतजाम, मरीजों की होगी दैनिक रिपोर्टिंग
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बोला कि अस्पतालों में आने वाले मरीजों के लिए छाया एवं पानी के माकूल व्यवस्था किए जाएं. जांच उपकरणों, ऑक्सीजन प्लांट, एसी, कूलर, पंखों एवं आर आदि की क्रियाशीलता जांचने के साथ ही इनका नियमित मेंटीनेंस करवाया जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि हीटवेव से प्रभावित मरीजों की आईएचआईपी पोर्टल पर दैनिक रिपोर्टिंग की जाए.

जागरूकता पर रहे जोर, जनसहभागिता बढ़ाएं

सिंह ने बोला कि लू एवं गर्मी जनित रोंगों से बचाव के लिए जागरूकता हेतु आईईसी गतिविधियों का विशेष महत्व है. आमजन इन रोंगों से प्रिवेंटिव एवं घरेलू तरीका अपनाकर सुरक्षित रह सकें, इसके लिए व्यापक आईईसी गतिविधियां की जाएं. विद्यालयों में नो बैग डे के अवसर पर विद्यार्थियों को क्विज, निबंध आदि गतिविधियों के माध्यम से सतर्क किया जाए. साथ ही, इन गतिविधियों में जनसहभागिता बढ़ाने के लिए एनजीओ, स्वयं सहायता समूहों, सिविल सोसायटीज आदि का भी योगदान लिया जा सकता है. उन्होंने जिला स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति की बैठकें आयोजित कर इस विषय पर जरूरी योगदान लेने के भी निर्देश दिए.

Related Articles

Back to top button