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भाई संग नजदीकी पर बरसे उद्धव, बीजेपी को लेकर कही ये बड़ी बात

शिवसेना (यूबीटी) चीफ उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को केंद्र की सत्ताधारी बीजेपी पर चुनाव जीतने के लिए एक ‘ठाकरे’ को चुराने की प्रयास करने का इल्जाम लगाया. उद्धव ठाकरे की यह टिप्पणी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच दिल्ली में हुई एक बैठक के मद्देनजर आयी है. उद्धव ठाकरे ने नांदेड़ जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए यह भी बोला कि यदि बीजेपी उनके चचेरे भाई को अपने साथ ले लेती है, तो इससे उन्हें कोई परेशान नहीं होगी.

राज ठाकरे की दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात के बाद उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर निशाना साधा है. दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात ऐसे समय हुई है, जब ऐसी चर्चा है कि बीजेपी महाराष्ट्र में अपने गठबंधन को बढ़ाने के लिए लोकसभा चुनाव में राज ठाकरे की MNS के साथ गठबंधन करना चाहती है.

उद्धव ने कहा, ‘‘भाजपा अच्छी तरह से जानती है कि उसे महाराष्ट्र में पीएम नरेन्द्र मोदी के नाम पर वोट नहीं मिलने वाले हैं. लोग यहां (बाल) ठाकरे के नाम पर वोट करते हैं. इस अहसास ने बीजेपी को बाहर (भाजपा) से नेताओं को चुराने की प्रयास करने के लिए प्रेरित किया है.’’

उन्होंने बीजेपी पर बाल ठाकरे की विरासत को हड़पने की प्रयास करने का इल्जाम लगाया. उन्होंने मराठवाड़ा क्षेत्र में नांदेड़ और हिंगोली जिलों के अपने दो दिवसीय दौरे के समाप्ति पर कहा, “पहले, उन्होंने बाल ठाकरे की तस्वीर चुरायी, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. आज, वे एक और ठाकरे को चुराने की प्रयास कर रहे हैं…इसे ले लो, मैं और मेरे लोग काफी हैं.

उद्धव ठाकरे की पार्टी विपक्षी महा विकास आघाडी और ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा है. उन्होंने दावा किया कि ईसाइयों और मुसलमानों को भी उनकी हिंदुत्व की शैली से कोई परेशानी नहीं है. उन्होंने कहा, “जब हम बीजेपी के साथ थे, तब शिवसेना (अविभाजित) की छवि खराब हो रही थी लेकिन जब से हमने उनसे संबंध तोड़ा है, ईसाई और मुसलमान समुदाय के सदस्य भी कह रहे हैं कि उन्हें हमारी हिंदुत्व की विचारधारा से कोई परेशानी नहीं है.

दूसरी तरफ, शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने भी मंगलवार को इल्जाम लगाया कि राज ठाकरे के नेतृत्व वाली MNS और बीजेपी गठबंधन बनाने की प्रयास कर रहे हैं क्योंकि वे महा विकास आघाडी (MVA) की कामयाबी से डर गए हैं. दिल्ली में राज ठाकरे और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच बैठक के बारे में पूछे जाने पर राउत ने बोला कि यदि MNS, बीजेपी नीत ‘महायुति’ में शामिल होती है, तो इसका राज्य की राजनीति पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा, ‘‘यह घटनाक्रम एमवीए की कामयाबी के डर से हो रहे हैं.’’

राउत ने बोला कि महाराष्ट्र के लोग बहुत बुद्धिमान हैं और वे राज्य के विरुद्ध रुख रखने वाले किसी भी आदमी को बर्दाश्त नहीं करेंगे. एमवीए में शिवसेना (यूबीटी) के अतिरिक्त कांग्रेस पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पार्टी (शरदचंद्र पवार) अन्य घटक हैं.

जब शिवसेना अविभाजित थी, तब राज ठाकरे ने उद्धव के साथ अपने मतभेदों के कारण, उससे नाता तोड़ लिया था और 2006 में महाराष्ट्र नव निर्माण सेना की स्थापना की थी.  भले ही राज ठाकरे को एक ताकतवर वक्ता के रूप में देखा जाता है और उनके समर्थकों का एक आधार है, लेकिन उनकी पार्टी अधिक असर नहीं छोड़ सकी. बीजेपी सहित विभिन्न सियासी दलों के नेताओं ने अतीत में उत्तर हिंदुस्तानियों के विरुद्ध राज ठाकरे की विवादास्पद टिप्पणी की तीखी निंदा की थी.

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