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एल्विश यादव पर से एनडीपीएस को हटाकर आर्टिकल 20 किया गया लागू

एल्विश यादव: बिग बॉस ओटीटी-2 विजेता और यूट्यूबर एल्विश यादव के लिए अच्छी समाचार है. अब नोएडा पुलिस ने एल्विश यादव पर लगाया गया एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट) एक्ट हटा दिया है, जिसे नोएडा रेव पार्टी में सांप का जहर सप्लाई करने के इल्जाम में कारावास भेजा गया था.

नोएडा पुलिस ने बोला है कि गलती से एल्विश यादव पर एनडीपीएस एक्ट लग गया था नोएडा पुलिस ने कहा, ‘गलती हो गई’ नोएडा पुलिस ने बोला कि यह किसी प्रकार की लिपिकीय त्रुटि (टाइपो गलती) थी अब एनडीपीएस को हटाकर एल्विश पर आर्टिकल 20 लागू कर दिया गया है

धारा 20 एनडीपीएस अधिनियम की धारा 22 के अधीन है. एनडीपीएस एक्ट के अनुसार आरोपी को जमानत मिलना कठिन हो जाता है एल्विश यादव को 20 मार्च को न्यायालय में पेश किया गया था उस समय नोएडा पुलिस ने न्यायालय से बोला था, ‘एनडीपीएस एक्ट गलती से लागू हो गया था हमें एनडीपीएस अधिनियम की धारा 22 को शामिल करना था लेकिन गलती से धारा 20 को शामिल कर दिया गया. यह एक लिपिकीय (टाइपो) त्रुटि थी

हालांकि, गौतमबुद्धनगर न्यायालय में स्ट्राइक के कारण एल्विस यादव की जमानत पर सुनवाई टल गई. एल्विश यादव की ओर से उनके वकील गौरव भाटिया भी न्यायालय पहुंचे एल्विस यादव के वकील प्रशांत राठी ने बोला है कि नोएडा पुलिस ने एल्विस यादव को गवाह के रूप में जांच में शामिल होने के लिए आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 160 के अनुसार पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन बाद में उन्हें गैरकानूनी रूप से हिरासत में लिया गया और फिर अरैस्ट कर लिया गया.

वकील प्रशांत राठी ने कहा, ‘नवंबर 2023 में मुद्दा दर्ज होने के बाद से सीआरपीसी की धारा 160 के अनुसार समन किए जाने के बाद एल्विश यादव पांच बार पूछताछ के लिए आ चुके हैं एल्विश यादव को भी उनकी गिरफ्तारी के दिन पूछताछ के लिए बुलाया गया था लेकिन पुलिस ने उन्हें गैरकानूनी रूप से हिरासत में लिया और गलत ढंग से अरैस्ट किया. यादव को यह भी नहीं कहा गया कि उन्हें क्यों और किस क्राइम के लिए अरैस्ट किया जा रहा है, जो स्वयं गैरकानूनी है.

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