जानिए, कब है हरियाली तीज, मुहूर्त और पूजा विधि
हरियाली तीज अखंड सौभाग्य व्रत श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए सुबह से शाम तक निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को ईश्वर शिव और पार्वती की पूजा करती हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद अपने पतियों के हाथों से पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं।
अविवाहित लड़कियाँ भी सुयोग्य वर की कामना के लिए यह व्रत रखती हैं। आपको बता दें कि यह त्योहार मुख्य रूप से राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। आपको बता दें कि यह त्योहार ईश्वर शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है।
इस बार इस व्रत की तिथि को लेकर कुछ असमंजस की स्थिति है, कुछ लोगों का बोलना है कि हरियाली तीज 18 अगस्त को है, कुछ लोग कह रहे हैं कि यह त्योहार 19 अगस्त को मनाया जाएगा और कुछ लोग इसे 20 अगस्त को मनाएंगे।
दरअसल अधिकमास के कारण इस बार तिथियों को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है, मालूम हो कि इस बार अधिकमास के कारण श्रावण 59 दिन का हो गया है।
आपको बता दें कि शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 18 अगस्त को रात 08:01 बजे प्रारम्भ होगी, जो 19 अगस्त को रात 10:19 बजे तक रहेगी और वैसे उदयातिथि में सभी पूजा पाठ मान्य होते हैं, इसलिए हरियाली तीज का त्योहार मनाया जाता है। यह 19 अगस्त को मनाया जाएगा। यह दिन शनिवार को मनाया जाएगा।
19 अगस्त को पूजा के लिए तीन शुभ मुहूर्त हैं
- 19 अगस्त: सुबह 07:30 बजे
- 19 अगस्त: दोपहर 12:25 बजे
- 19 अगस्त: शाम 05:19 बजे
जो लोग रवि योग में पूजा करना चाहते हैं उन्हें बता दें कि रवि योग 19 अगस्त को सुबह 1:47 बजे प्रारम्भ होगा और 20 अगस्त को सुबह 5:25 बजे खत्म होगा, इसलिए कुछ लोगों को भ्रम हो गया है कि हरियाली तीज का त्योहार 20 अगस्त को है।
पूजा अनुष्ठान
सबसे पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें, फिर व्रत रखें और 16 श्रृंगार करने के बाद ईश्वर शिव और पार्वती की पूजा करें और कथा सुनें। फिर लोटे के जल से चंद्रमा को अर्ध्य दें और फिर पानी पीकर व्रत खोलें।
महत्त्व
हरी तीज प्रेम, सरेंडर और त्याग का मानक है। इस दिन विवाहित महिलाएं सोलह अनुष्ठान करके शिव-पार्वती की पूजा करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।