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इस सनकी तानाशाह के बारे में जिसने की क्रूरता की सारी हदें पार

 उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को कौन नहीं जानता? किम जोंग उन की सनक से हर कोई वाकिफ है लेकिन शायद ही आप किसी ऐसे सनकी तानाशाह के बारे में जानते हों जिसने अपनी क्रूरता की सारी हदें पार कर दी थीं इतना ही नहीं उन्होंने अपनी सनक से सभी को दंग कर दिया इस तानाशाह को अपनी सेना में लम्बे सैनिक रखने का शौक था इसके अलावा, वह उन्हें भारी वेतन भी देता था लेकिन इस वेतन के लिए सैनिकों को बहुत अपमान सहना पड़ता था

दरअसल, यह कहानी तब की है जब प्रशिया एक राज्य था हालाँकि, साल 1932 में इसका जर्मनी में विलय हो गया यहां का राजा फ्रेडरिक विलियम प्रथम था, जिसने 1713 से 1740 तक प्रशिया पर शासन किया हालाँकि फ्रेडरिक विलियम प्रथम एक शांत और दयालु राजा था, लेकिन उसे अपनी सेना में लम्बे सैनिक रखने का बहुत शौक था ऐसा बोला जाता है कि उसके राजा बनने से पहले प्रशिया की सेना में लगभग 38 हजार सैनिक थे, जिसे उसने बढ़ाकर लगभग 83 हजार कर दिया

इसके अतिरिक्त राजा फ्रेडरिक को लंबे सैनिकों का बहुत शौक था उनके राज्य में लम्बे सैनिकों की एक अलग रेजिमेंट बनाई गई थी जिन्हें ‘पॉट्सडैम जायंट्स’ बोला जाता है इस रेजिमेंट के सभी सैनिक छह फीट से अधिक लंबे थे किंग फ्रेडरिक की सेना में एक लंबे सैनिक का नाम जेम्स किर्कलैंड था बोला जाता है कि जेम्स किर्कलैंड सात फीट एक इंच लंबे थे सबसे आश्चर्य की बात तो यह थी कि ये लंबे-चौड़े सैनिक किसी युद्ध के लिए तैयार नहीं थे, बल्कि इन्हें केवल दिखावे के लिए सेना में रखा गया था

कभी-कभी राजा इन सैनिकों का इस्तेमाल मनोरंजन के लिए भी करते थे जब फ्रेडरिक विलियम प्रथम उदास होता था तो वह इन सैनिकों को महल में बुलाता था और फिर उनसे नृत्य करने के लिए कहता था इसके अतिरिक्त कभी-कभी वह इन सैनिकों से महल में ही मार्च करवाता था राजा फ्रेडरिक की मौत 31 मई 1740 को 51 साल की उम्र में हुई ऐसा बोला जाता है कि उस समय उनकी ‘पोट्सडैम जायंट्स’ रेजिमेंट में लगभग तीन हजार लम्बे सैनिक थे राजा फ्रेडरिक की मौत के बाद रेजिमेंट कई सालों तक एक्टिव रही, लेकिन 1806 में, राजा फ्रेडरिक के बेटे फ्रेडरिक द ग्रेट ने रेजिमेंट को भंग कर दिया इसके बाद सभी सैनिक आम सैनिकों में शामिल हो गये

ऐसा बोला जाता है कि उस समय उनकी ‘पोट्सडैम जायंट्स’ रेजिमेंट में लगभग तीन हजार लम्बे सैनिक थे राजा फ्रेडरिक की मौत के बाद रेजिमेंट कई सालों तक एक्टिव रही, लेकिन 1806 में, राजा फ्रेडरिक के बेटे फ्रेडरिक द ग्रेट ने रेजिमेंट को भंग कर दिया इसके बाद सभी सैनिक आम सैनिकों में शामिल हो गये

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