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पुलिस हिरासत में आदिल की मौत के बाद भीड़ ने थाने पर किया पथराव

बेंगलुरु . कर्नाटक के चन्नागिरी में कथित तौर पर शख्स की पुलिस हिरासत में मृत्यु के बाद भीड़ ने पुलिस स्टेशन पर पथराव कर दिया. जिसके बाद तनाव पैदा हो गया. गुस्साई भीड़ ने पुलिस स्टेशन में तोड़फोड़ भी की.

चन्नागिरी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. पड़ोसी जिलों से अतिरिक्त बल को बुलाया गया है. ऑफिसरों को क्षेत्र में कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं.

घटना शुक्रवार देर रात आदिल (30) की मृत्यु के बाद हुई. कथित तौर पर पुलिस हिरासत में आदिल की मृत्यु के बाद भीड़ ने पुलिस स्टेशन पर पथराव किया, जिसमें 11 पुलिसकर्मी घायल हो गए और पांच से अधिक पुलिस गाड़ी भी क्षतिग्रस्त हुए हैं.

पुलिस ने आदिल को गैरकानूनी सट्टेबाजी गतिविधियों में उसकी कथित संलिप्तता के इल्जाम में हिरासत में लिया था.

दावणगेरे की पुलिस अधीक्षक उमा प्रशांत ने शनिवार को बताया, “आदिल को शुक्रवार को पुलिस स्टेशन लाया गया. वह पुलिस स्टेशन में बेहोश हो गया. उसे तुरन्त हॉस्पिटल ले जाया गया. फिर पुलिस को पता चला कि उसकी मृत्यु हो गई. आदिल छह से सात मिनट से ज़्यादा देर तक पुलिस स्टेशन में नहीं रहा था. हालांकि, उसके परिवार के सदस्य दावा कर रहे हैं कि यह लॉकअप में हुई मृत्यु का मुद्दा है.

पुलिस अधीक्षक ने आगे बोला कि पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी कैमरा लगा है. मृतक के पिता की कम्पलेन की जांच की जाएगी. मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए पोस्टमार्टम न्यायधीश की नज़र में कराया जाएगा.

एसपी प्रशांत ने कहा, “मृतक के पिता की कम्पलेन समेत घटना के संबंध में कुल चार मुकदमा दर्ज किए गए हैं. स्थिति कंट्रोल में है.

पुलिस के अनुसार, टीपू नगर निवासी आदिल को शुक्रवार को पुलिस स्टेशन लाया गया था. पुलिस स्टेशन में ही उसकी हालत बिगड़ गई. उसे तुरंत हॉस्पिटल पहुंचाया गया, जहां बाद में उसकी मृत्यु हो गई. पता चला कि उसे दौरे और लो ब्लड प्रेशर की परेशानी थी.

इससे गुस्साए आदिल के परिवार और समुदाय के लोगों ने पुलिस स्टेशन और पुलिसवालों पर धावा कर दिया. भीड़ ने पांच से अधिक पुलिस वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया.

कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने इस घटना पर प्रतिक्रिया दी है.

उन्होंने बोला कि गवर्नमेंट इस तरह से काम कर रही है कि राज्य में कोई माहौल नहीं है, जहां गवर्नमेंट और ऑफिसरों का सम्मान किया जाता हो. गवर्नमेंट ऑफिसरों का दुरुपयोग कर रही है. राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है. यह गवर्नमेंट का सेल्फ गोल है. ऑफिसरों को स्वयं गवर्नमेंट पर भरोसा नहीं है. लोगों को भी गवर्नमेंट पर भरोसा नहीं है.

 

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