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चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से, नोट कर लें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

Chaitra Navratri 2024: हिन्दू पंचांग के अनुसार, एक साल में चार बार नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है. इसमें दो मुख्य होते हैं, चैत्र और शारदीय नवरात्रि. इस बार चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरुआत हो रही है और इसका समाप्ति 17 अप्रैल को होगा. 17 को रामनवमी मनाई जाएगी. इन पूरे नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ भिन्न भिन्न रूपों की पूजा की जाती है. इस बार प्रतिपदा तिथि नौ अप्रैल दिन मंगलवार पड़ रहा है. इसी दिन घट स्थापना के साथ नौ दिन तक मां दुर्गा की आराधना प्रारंभ होगी.

मां के आगमन और गमन की सवारी है अहम

मां दुर्गा चैत्र नवरात्र में किस गाड़ी से आती हैं और किससे जाती हैं, यह बहुत जरूरी है. क्योंकि इसी से राष्ट्र की दिशा और हालात की भविष्यवाणी तय होती है. वेदाचार्य पंडित रमेशचंद्र त्रिपाठी बताते हैं कि इस बार मां दुर्गा का आगमन मंगलवार के दिन को हो रहा है. देवी पुराण के अनुसार, मंगलवार को देवी घोड़े पर सवार होकर आती हैं, जिसे शुभ नहीं माना जाता. यह सियासी उथल-पुथल, युद्ध और आपदाओं का द्योतक है.

स्थापित कलश होता है ईश्वर विष्णु का प्रतीक

खड़ेश्वरी मंदिर के पुजारी राकेश पांडेय बतातें हैं कि नवरात्रि के पूरे नौ दिन मां देवी को समर्पित होते हैं. नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, कलश को ईश्वर विष्णु का रूप माना जाता है. इसलिए नवरात्रि के दिन देवी दुर्गा की पूजा से पहले कलश की स्थापना की जाती है. इस साल अश्विनी नक्षत्र में प्रात: 6.11 बजे से लेकर 10.23 बजे तक कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त बन रहा है. अश्विनी नक्षत्र और मंगलवार पड़ने के कारण विशेष योग अमृतसिद्धि का निर्माण हो रहा है, जो कि इस तिथि को और भी विशेष बना रहा है.

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