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UP-बिहार और झारखंड में आज हीटवेव का अलर्ट

पश्चिम बंगाल के कोलकाता बीते दो दिन से हीटवेव चल रही है. वहीं, कानपुर में तेज गर्मी का असर देखने को मिल रहा है. यहां तापमान 43.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है.

देश में तेज गर्मी का असर लगातार जारी है. मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लिए आज हीटवेव का अलर्ट जारी किया है. इन राज्यों में 3 दिन बाद सीवियर हीटवेव चलेगी.

हीटवेव चलने वाले राज्यों के साथ-साथ महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में तापमान 42º पहुंच चुका है. ओडिशा, पश्चिम बंगाल में आज तापमान 45 डिग्री तक पहुंचने का अनुमान है. वहीं, आंध्र प्रदेश के नादयाल में रविवार को टेम्परेचर 45.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है.

वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण राष्ट्र के उत्तरी राज्य (जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा,) समेत उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल, आंध्र प्रदेश और नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में आज बारिश की आसार जताई गई है.

MP, छत्तीसगढ़ और यूपी में बारिश की वजह से तापमान में कमी आने के आसार नहीं है.

उधर, राजधानी दिल्ली में अभी लू चलने का अलर्ट जारी नहीं किया गया है, लेकिन यहां तेज गर्मी का असर जारी रहेगा. मौसम विभाग ने बोला है कि दिल्ली में आज तापमान 40 डिग्री के आसपास रिकॉर्ड किया जाएगा.

उत्तर हिंदुस्तान के राज्यों में हीटवेव से राहत की वजह
IMD की साइंटिस्ट सोमा सेन रॉय ने कहा- उत्तर हिंदुस्तान के राज्यों में आंधी-तूफान की स्थिति बन रही है. अफगानिस्तान की ओर से सक्रिय हुए वेस्टर्न डिस्टरबेंस के हिंदुस्तान पर असर पड़ने के कारण जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में 1 सप्ताह तक हीटवेव चलने की आसार कम है.

 

29 अप्रैल: 12 राज्यों में हीटवेव चलेगी; उत्तराखंड में ओले गिरेंगे

  1. छत्तीसगढ़, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश में बारिश हो सकती है.
  2. कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल, गोवा, असम, मेघालय में उमस भरी गर्मी होगी.
  3. ओडिशा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, गोवा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल, में हीटवेव चलेगी.

30 अप्रैल: मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में तापमान 42 डिग्री के इर्द-गिर्द दर्ज हो सकता है

  1. उत्तराखंड, तेलंगाना, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा में आंधी और बिजली गिरने का अलर्ट है.
  2. गोवा, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में उमसभरी गर्मी होगी. वहीं, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में तापमान 42 डिग्री के आसपास ही बना रहेगा.
  3. ओडिशा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, गोवा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल, में हीटवेव चलेगी.

1 मई: बिहार झारखंड में सीवियर हीटवेव चलेगी, नॉर्थ-ईस्ट के 4 राज्यों भारी बारिश होगी

  1. पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड और बिहार में सीवियर हीटवेव का अलर्ट है. इसके अतिरिक्त तेलंगाना, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में लू चलेगी.
  2. नॉर्थ ईस्ट के 4 राज्यों ( नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा) में तेज बारिश होगी.
  3. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के जिलों में तापमान 42 डिग्री के आसपास बना रहेगा.
  4. सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा में आंधी और बिजली गिरने का अलर्ट है.

पहली बार पूरे केरल राज्य में लू चल रही, 100 वर्ष में दूसरी बार तेज गर्मी
गर्मी के चलते इस बार केरल में हालात बहुत बुरे हो गए हैं. पूरे राज्य में तापमान 40 डिग्री से ऊपर बना हुआ है, जो कि सामान्य स्तर से 4 से 5 डिग्री अधिक है.

एक दिन पहले पलक्कड़ में पारा 41.8 डिग्री रिकॉर्ड हुआ, जो कि बीते 100 वर्ष में राज्य का दूसरा सबसे उच्चतम तापमान है. इससे पहले 2016 में यह 41.9 डिग्री था.

पहली बार भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने पूरे राज्य में लू चलने की बात कही है. सभी जिलों में गर्मी का येलो अलर्ट लगातार बना हुआ है. इस वजह से राज्य में घरेलू पर्यटन उद्योग 40% तक गिर गया है.

वायनाड, मुन्नार जैसे खूबसूरत क्षेत्र पर्यटकों से सूने पड़े हैं. केरल के लोग कश्मीर, शिमला, दार्जिलिंग घूमने जा रहे हैं. 2023 में 2.18 करोड़ घरेलू पर्यटक केरल पहुंचे थे, जो कि 2022 के मुकाबले 15.92% अधिक थे.

इस बार हालात इसके ठीक उलट हैं. आबाद ग्रुप ऑफ होल्टस एंड रिजॉर्ट के कॉर्पोरेट सेल्स मैनेजर मंजूर एआर के अनुसार गर्मी के चलते मई में भी हालात यही रहने की संभावना है. जबकि 2022 और 2023 के इन महीनों में होटलों की ऑक्यूपेसी 100% के करीब थी.

कब चलती है हीटवेव?
मौसम विभाग के मुताबिक, हीटवेव तब चलती है जब मैदानी इलाकों में टेम्परेचर 40 डिग्री, समुद्र के तट के करीब के इलाकों में 37 डिग्री और पहाड़ी इलाकों में 30 डिग्री हो जाए. सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ने पर हीटवेव और 6.4 डिग्री का बढ़ोत्तरी होने पर सीवियर हीटवेव चलती है.

UN की रिपोर्ट में दावा- हीटवेव से पिछले वर्ष 110 जानें गईं

यूनाइटेड नेशंस ने एशियाई राष्ट्रों के 2023 में क्लाइमेट को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. इसमें दावा किया गया है कि पिछले वर्ष एशियाई राष्ट्र विश्व में सबसे अधिक आपदाओं से प्रभावित होने वाले राष्ट्रों की लिस्ट में थे. रिपोर्ट की तीन जरूरी बातें सिलसिलेवार पढ़ें…

  • सीवियर हीटवेव के कारण पिछले वर्ष हिंदुस्तान में अप्रैल, मई और जून के महीने में 110 जाने गई थीं. वहीं, राष्ट्र के भिन्न-भिन्न हिस्सों में आंधी और बिजली गिरने से करीब 1200 लोगों की मृत्यु हुई थी.
  • पिछले वर्ष जुलाई-अगस्त राष्ट्र में बहुत बारिश हुई, इससे हिमाचल और उत्तराखंड समेत कई राज्यों में लैंडस्लाइड की घटनाएं हुईं, जिसमें 25 लोगों की मृत्यु हुई. जुलाई-अगस्त के दौरान हुई बारिश से किसानों की फसलों का भी भारी हानि पहुंचा.
  • भारत, बांग्लादेश, तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, अफगानिस्तान और पाक में कम बारिश हुई थी. राष्ट्र में जून से सितंबर तक हिंदुस्तान में जितनी बारिश हुई वह, 1971-2000 तक हुई बारिश के औसत से 6 फीसदी कम थी.

मानसून को लेकर 2 अनुमान

1. मौसम विभाग का अनुमान- मानसून सामान्य से बेहतर रहेगा, राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत 20 राज्यों में अच्छी बारिश होगी

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने सोमवार को कहा कि इस बार जून से सितंबर तक मानसून सामान्य से बेहतर रहेगा. मौसम विभाग (IMD) 104 से 110 प्रतिशत के बीच बारिश को सामान्य से बेहतर मानता है. यह फसलों के लिए अच्छा संकेत है.

IMD ने कहा कि 2024 में 106% यानी 87 सेंटीमीटर बारिश हो सकती है. 4 महीने के मानसून सीजन के लिए लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) 868.6 मिलीमीटर यानी 86.86 सेंटीमीटर होता है. यानी मानसून सीजन में कुल इतनी बारिश होनी चाहिए.  

2. स्काईमेट का अनुमान- इस वर्ष सामान्य मानसून, राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत 23 राज्यों में अच्छी बारिश होगी

वेदर एजेंसी स्काईमेट ने मंगलवार 9 अप्रैल को कहा था कि इस बार मानसून सामान्य रहेगा. यानी जून से सितंबर तक 4 महीने में औसत या सामान्य बारिश होगी. मौसम विभाग (IMD) 96 से 104 प्रतिशत के बीच बारिश को औसत या सामान्य मानता है. यह फसलों के लिए अच्छा संकेत है.

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