तृणमूल जल्द जारी कर सकती है घोषणापत्र
West Bengal : पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के मद्देनजर बीजेपी और अन्य दलों की तरह ही राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी भी प्रचार में पूरी ताकत झोंक रही है। तृणमूल के प्रचार में पार्टी के नेता पीएम मोदी की ‘मोदी की गांरटी’ बनाम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की ‘दीदी की गारंटी’ को हथियार बना रहे हैं। यानी तृणमूल नेता प्रचार के दौरान बंगाल की योजनाओं की तुलना राष्ट्र में हुए कार्यों को लेकर कर रहे हैं। सूत्रों की मानें, तो तृणमूल की चुनाव घोषणापत्र में भी इसकी झलक दिख सकती है।
तृणमूल जल्द जारी कर सकती है घोषणापत्र
बताया जा रहा है कि तृणमूल अपने चुनाव घोषणा पत्र में इसका उल्लेख कर सकती है कि पिछले 12 सालों से सीएम ने राज्य के लोगों के लिए विभिन्न जन कल्याणकारी परियोजनाएं कैसे प्रारम्भ की और इसका क्या असर पड़ा। इनमें ”कन्याश्री”, ”रूपश्री”, ”लक्खी भंडार” जैसी योजनाओं को शामिल किया जा सकता है। घोषणापत्र में 100 दिनों रोजगार योजना और केंद्रीय आवास योजना को लेकर केंद्र गवर्नमेंट द्वारा कथित तौर पर बंगाल की राशि रोके जाने का जिक्र भी किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त साल 2019 में राज्य में प्रारम्भ की गयी ‘कृषक बंधु’ परियोजना का भी जिक्र करते हुए किसानों के लिए केंद्र गवर्नमेंट की योजना के साथ तुलना किये जाने की आसार है।
चुनावी घोषणा पत्र तैयार करने के लिए किया गया कमेटी का गठन
तृणमूल के घोषणापत्र में कृषि, अर्थव्यवस्था, राष्ट्रीय नीति, संघीय संरचना, संप्रभुता, समाज के सभी वर्गों के समावेशन जैसे विषयों पर भिन्न-भिन्न मुद्दों का जिक्र होगा। पार्टी ने चुनावी घोषणा पत्र तैयार करने के लिए राज्य के वित्तीय सलाहकार अमित मित्रा के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी में तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन, सुखेंदु शेखर राय, राज्य की उद्योग मंत्री डाॅ शशि पांजा, राज्य की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य शामिल हैं। घोषणापत्र तैयार करने के लिए समिति ने करीब चार बैठकें की हैं। हालांकि, घोषणापत्र को लेकर आखिरी निर्णय सीएम और पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी और तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ही लेंगे। यह बोलना गलत नहीं हो सकता है कि तृणमूल के घोषणापत्र में ‘मोदी की गारंटी’ बनाम ”दीदी”” की गारंटी’ की झलक दिख सकती है।